Memory Allocation in Hindi – मैमोरी एलोकेशन क्या है?
Memory Allocation एक ऐसी प्रक्रिया जिसमें कंप्यूटर प्रोग्राम्स को मेमोरी Allocate की जाती है।
मेमोरी एलोकेशन दो प्रकार की होती है:-
1:- Static Memory Allocation
2:- Dynamic Memory Allocation
Static Memory Allocation
Static Memory Allocation में Memory को Compile Time में ही Allocate कर दिया जाता है। इस Allocation का प्रयोग तब किया जाता है जब मेमोरी की साइज़ fix (निश्चित) हो।
इसमें हम execution के दौरान मेमोरी को allocate और deallocate नही कर सकते है तथा जो variables होते है वह हमेशा के लिए Allocate हो जाते है। Stack तथा Heaps के द्वारा इस Allocation को Implement किया जाता है।
Dynamic Memory Allocation
यह allocation तब perform करता है जब किसी process का execution हो रहा होता है। यहाँ पर जब कोई program रन हो रहा होता है और उस program की entity को पहली बार इस्तेमाल किया जाता है तो उस program की entities को memory का allocation किया जाता है।
इसमे Memory Wastage को reduce करने के लिए data के actual size का पता होना जरूरी है। Dynamic memory allocation किसी भी program के execution के लिए flexibility प्रदान करता है। यह किसी भी program के execution के लिए आवश्यक memory space की आवश्यकता को भो decide करता है।
वह प्रक्रिया जिसमें मैमोरी Runtime में Allocate की जाती है Dynamic Memory Allocation कहलाती है। Data segments के द्वारा इस allocation को implement किया जाता है।
Contiguous and non-contiguous memory allocation in Hindi :-
(i) Contiguous Memory Allocation
इस प्रकार के memory allocation मे पूरा Memory Space एक जगह पर एक साथ available होता है जिसका मतलब है कि इसमे memory partition अलग अलग मौजूद नहीं होते है बल्कि एक साथ available रहते है। इसमे जब भी किसी प्रोसेस execution के लिए memory की request करती है तो उस process के execution के लिए उसकी जरूरत के हिसाब से उस process को memory block प्रदान कर दिया जाता है।
Contiguous memory allocation के लिए operating system और user process दोनों का main memory मे होना आवश्यक है। यहाँ पर main memory दो भागों मे बँटी होती है जिसमे एक भाग operating system के लिए होता है और दूसरा भाग user program के लिए होता है।
(ii) Non–Contiguous Memory Allocation
इस प्रकार के memory allocation मे जो खाली memory space होता है वह एक जगह पर available णा होकर अलग अलग divide होकर रहता है इस लिए यह Time consuming भी होता है। इस प्रकार के memory allocation मे जब भी किसी process के द्वारा memory के लिए request की जाती है तो इसको अलग अलग जगह पर memory का allocation किया जाता है क्योंकि यहाँ पर memory अलग अलग बिखरी हुई होती है।
Non contiguous memory allocation मे memory wastage काम होता है।
Conclusion
आज के इस article के माध्यम से हमने आज के Memory Allocation kya hai? के बारे मे विस्तार से जाना। आशा है कि यह article आपके लिए helpful रहा होगा। अगर आपको यह article पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर share कीजिए।
निवेदन:-अगर आपके पास भी कोई हिंदी में Topic या किसी Subject से सम्बंधित नोट्स है तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारा e-mail:- techveducontact@gmail.com है। हम उसे यहां आपकी फ़ोटो के साथ प्रकाशित करेंगें।