secure electronic transaction in hindi:-
secure electronic transaction इस तरह की सुरक्षा सेवा में डेटा को सुरक्षित रखने के लिये पैकेज ( Package ) का उपयोग किया जाता है जिन्हें डेटा संचार सुरक्षा ( Data Communication Security ) के माध्यम से पहुँचाया जाता है । इस प्रकार की सुरक्षा का ऐलान सर्वप्रथम सन् 1996 में US में रक्षा विभाग ( Defence department ) ने किया C था ।
डेटा को इंटरनेट पर सुरक्षा मिलना जरूरी होता जा रहा है । इन्टरनेट सेवा का उपयोग करने वाले कुछ उपभोक्ता Authorized होते हैं व कुछ Unauthorized होते हैं । ये अनाधिकृत उपभोक्ता ग्राहक और कम्पनी की सूचना को प्राप्त करने के लिये गलत तरीकों का उपयोग करते रहते हैं । जिनका मुख्य उद्देश्य ग्राहक के बैंक एकाउंट को Hack करना होता है । इसलिये ऐसे व्यक्तियों को हैकर भी कहते हैं । ये हैकर भी उन सभी सुरक्षा प्रक्रियाओं को जानते हैं , जिनका उपयोग Website developer करते हैं तथा सुरक्षा में कुछ कमी आने पर यह हैकर पूरी वेबसाईट को अपने नियंत्रण ( Control ) में ले लेते हैं ।
इसी कारण इन्टरनेट का उपयोग करने वाले प्रत्येक उपभोक्ता को कम्पनी से सम्पर्क करने के लिये अपनी ID व Password को Verify करवाना होता है ।
Methods of secure electronic transaction in hindi:-
1. Password Schema :-
इसमें उपभोक्ता को अपने एकाउंट को सुरक्षित रखने के लिये निर्देश दिये जाते हैं ताकि डेटा ट्रांजेक्शन सुरक्षित हो सके । जैसे कि पासवर्ड में अक्षरों की न्यूनतम संख्या , पासवर्ड में उपयोग किए जाने वाले विशेष प्रकार के चिन्ह तथा अन्य Alpha Numeric Character इत्यादि जिन्हें पासवर्ड में शामिल किया जा सकता है , ताकि पासवर्ड को अधिक स्ट्रांग बनाया जा सके । इसमें उपभोक्ता को यह भी / बताया जाता है कि वह अपने पासवर्ड को एक निश्चित समय के बाद बदलते रहना चाहिए तथा पासवर्ड को किसी ऐसी फाइल में ना लिखें जो किसी अन्य प्रयोगकर्ता के द्वारा पढ़ी जाती हो ।
2. Security through QB Security:-
इसमें एक ऐसा नेटवर्क कनैक्शन किया जाता है जिसमें बाहरी प्रबंधन समूह ( Management Group ) प्रवेश नहीं कर सकते हैं । क्योंकि यह नेटवर्क कनैक्शन केवल नियमित व सीमित व्यक्तियों तथा नियमित व सीमित कम्पनी के मध्य ही बनाये जाते , जिससे ट्रांजेक्शन व डेटा को सुरक्षित रखा जा सके । इस विधि में पासवर्ड के लिये बाईनेरी फाइल भी बनाई जा सकती हैं जिसका तथ्य केवल उन व्यक्तियों के समूह व कम्पनी के समूह को ही पता होता है । इसका उपयोग केवल समूह सुरक्षा के लिये उपयोग में लिया जाता है । इसमें डेटा को अपने – अपने समूहों के आधार पर ही सुरक्षित रखा जाता है ।
3. Biometric Systems :-
यह सबसे उच्च स्तर की सुरक्षा तकनीक है , यह मानव शरीर के एकमात्र आकार अथवा पहलू की भांति कार्य करती है । इस विधि के द्वारा वांछनीय उपभोक्ता के finger prints , digital signature , voice password a fa al fHCHA करके ट्रांजेक्शन पूर्ण किया जाता है । यह सबसे उच्च स्तर की तकनीक होने के साथ – साथ अधिक मूल्यवान भी होती है जिसे मुख्य स्तर की जानकारी को सुरक्षित रखने के लिये उपयोग में लिया जाता है ।
4. Digital Certificate:-
यह एक सुरक्षा विधि है , इसके अन्तर्गत तृतीय पक्ष द्वारा एक डिजिटल प्रमाण पत्र इलैक्ट्रॉनिक माध्यम के रूप में दिया जाता है , जिसके द्वारा किसी वेबसाईट की प्रामाणिकता का सत्यापन किया जा सकता है । यह वेबसाईट समर्थन का एक अनिवार्य रूप है । इसका उद्देश्य केवल यह जांचना होता है कि उपभोक्ता द्वारा प्रयोग की जाने वाली वेबसाईट एक वैध वेबसाईट है । परन्तु उस वेबसाईट के द्वारा या उस कम्पनी के द्वारा दी जा रही सेवाओं की विश्वसनीयता का आंकलन नहीं किया जा सकता । उपभोक्ता डिजिटल सर्टिफिकेट सत्यापित होने पर ई – कॉमर्स के अन्तर्गत ट्रांजेक्शन कर सकता है , वह सुरक्षित होता है ।
5. Payment Gateway by Third Party :-
तृतीय पक्ष भुगतान गेटवे व्यवसाय के उन इलैक्ट्रॉनिक ट्रांजेक्शन को सुरक्षित रूप से process करने की अनुमति देता है , जो कि ई – कॉमर्स के द्वारा आरम्भ किए गए हैं । इसके द्वारा व्यवसायी ट्रांजेक्शन को process करने के लिए सुरक्षित होता है ।