हेल्लो दोस्तों! आज हम इस article में Business Process Reengineering (BPR) in Hindi (बिज़नस प्रोसेस रीइंजीनियरिंग क्या है?) के बारें में पढेंगे और इसके steps को भी जानेंगे, तो चलिए start करते हैं:-
Business Process Reengineering in Hindi
Business Process Reengineering एक तकनीक है जिसके द्वारा कंपनी अपने business के process को दुबारा से create करती है जिससे कि product output, तथा quality बेहतर हो और cost (लागत) में कमी आये.
दूसरे शब्दों में कहें तो, “BPR कंपनी में लगने वाले cost और फ़ालतू के business process को कम करने का एक systematic (व्यवस्थित), disciplined (अनुशासित) approach है.”
आमतौर पर, इसमें company के workflow का analysis किया जाता है. इसमें ऐसी प्रक्रियाओं का खोजा जाता है जो inefficient होती है और उनसे छुटकारा पाने या उन्हें बदलने के तरीकों का पता लगाया जाता है.
Business Process Reengineering के कांसेप्ट को सबसे पहले Michael Hammer ने 1990 में सबसे पहले दिया था. उन्होंने अपने आर्टिकल ‘Reengineering Work: Do not Automate, Obliterate’ में इसके बारें में बताया था.
BPR steps in Hindi
इसके steps निम्नलिखित होते हैं:-
1:- अपनी business process की वर्तमान स्थिति को Map करें – इसके सबसे पहले step में हमें software tools और stakeholders दोनों से data इक्कठा करना होता है. और यह समझना होता है कि वर्तमान में process किस प्रकार कार्य कर रही है.
2:- analyze – दूसरे step में हमें इन process को analyze करना होता है. process में आने वाले सभी errors और देरी (delays) को identify किया जाता है.
3:- improve – इसके बाद इसमें यह check किया जाता है कि process के सभी steps जरुरी है या नहीं. यदि इसमें से कोई स्टेप important नहीं होती है तो उसे remove कर दिया जाता है.
4:- Design – इसमें एक नयी process को create किया जाता है. जिससे कि हमने जितनी भी problems को identify किया है वो सब solve हो जाएँ. हमें नयी process को design करने से डरना नहीं चाहिए.
5:- implement – अंत में हमें अपनी नयी process को implement करना होता है और सभी stakeholders को नयी process के बारें में बताना होता है. इसमें हमें तभी आगे बढ़ना होता है जब सबको इस नयी प्रोसेस के बारें में पता चल जाए.
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Business Process Reengineering की जरूरत कब पड़ती है?
- जब customer की शिकायत आने लगे और refund की मांग बढ़ने लगे.
- staff के मध्य लड़ाई हो या उन्हें stress हो तब.
- profit गिरने लग जाए.
- sales lead जल्दी से follow ना हो पाए.
- customer के order को जल्दी से पूरा न किया जाए.
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