Function in C Programming Language in Hindi

Functions in c:-

Function एक “Piece of Code” होता है दुसरे शब्दों में कहें तो यह प्रोग्राम में एक प्रकार से एक sub-program की भाँती कार्य करता है.

किसी प्रोग्राम को बनाते समय कभी-कभी हमें आवश्यकता होती है कि हमें कुछ कोड्स के execution से प्राप्त result को प्रोग्राम में बार बार प्रयोग करना पड़ता है, ऐसी स्थिति में कोड्स को बार-बार नहीं लिखा जाता है बल्कि फंक्शन के रूप में main() फंक्शन के बाहर परिभाषित करके एक ही स्थान पर प्रयोग कर लिया जाता है. और फंक्शन से प्राप्त result को प्रोग्राम में प्रयोग करने के लिए उस फंक्शन को call कर लिया जाता है.
functions का फायदा यह है कि इससे हमारा समय तथा जगह दोनों कि बचत होती है.

फंक्शन का syntax:-

function name(arg1, arg2, arg3….)
{
statement1;
statement2;
statement3;
…………….
}

programming language “c” में फंक्शन दो प्रकार के होते है.

1:- Built-in-functions (बिल्ट-इन-फंक्शन)
2:- user defined functions (यूजर डिफाइंड फंक्शन)

1:- Built-in-Function In Hindi:-

बिल्ट-इन-फंक्शन वे फंक्शन होते है जिनके prototype प्रोग्रामिंग भाषा “सी” की header file में सुरक्षित रहते हैं. इन फंक्शन को प्रोग्राम में बस इनका नाम लिखकर इन्हें कॉल (call) किया जाता है और ये प्रोग्राम में क्रियान्वित हो जाता है. इसके उदाहरण:- scanf();, printf();, strcat(); आदि.

ये function “सी” प्रोग्रामिंग भाषा के library functions भी कहलाते है. इन सभी फंक्शन का सम्बन्ध किसी विशिष्ट “सी” लाइब्रेरी फाइल से होता है. ये विशेष लाइब्रेरी फाइल्स header files कहलाती है एवं इनका extension नाम .h होता है. अतः “सी” की लाइब्रेरी में स्थित वे सभी फाइल्स जिनका विस्तारित नाम .h होता है, हैडर फाइल्स कहलाती है.

“C” में अनेक हैडर फाइल्स इनमे से कुछ निम्न है:-
stdio.h
math.h
string.h
conio.h
time.h
ctype.h

2:- User Defined Function in Hindi (यूजर डिफाइंड फंक्शन):-

यूजर डिफाइंड फंक्शन वे होते है जो कि यूजर के द्वारा प्रोग्राम को लिखते समय बनाये जाते है यानी कि डिफाइन किये जाते है. यूजर को जिस प्रकार की जरुरत होती है वह अपनी आवश्यकता के अनुसार फंक्शन को create कर सकता है.

प्रोग्रामिंग लैंग्वेज “सी” में प्रोग्राम लिखने के लिए एक main() फंक्शन की आवश्यकता होती है यह फंक्शन भी यूजर डिफाइंड फंक्शन है. प्रोग्राम का execution भी इसी प्रोग्राम से शुरू होता है.

फंक्शन का नाम “सी” में प्रयोग किये जाने वाले keywords के अतिरिक्त कुछ भी रखा जा सकता है.
फंक्शन के बाद () braces लगाना आवश्यक होता है, यह फंक्शन का सूचक होता है.
किसी फंक्शन को किसी अन्य फंक्शन तथा अपने आप में call किया जा सकता है.

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