डेटा कम्युनिकेशन क्या है और इसके प्रकार

हेल्लो दोस्तों! आज हम इस पोस्ट में Data Communication in Hindi (डेटा कम्युनिकेशन क्या है और इसके प्रकार) के बारें में पढेंगे. इसे बहुत ही आसान भाषा में लिखा गया है. इसे आप पूरा पढ़िए, यह आपको आसानी से समझ में आ जायेगा. तो चलिए शुरू करते हैं:-

Table of Contents

Data Communication in Hindi – डेटा कम्युनिकेशन क्या है?

  • Data Communication एक ऐसी प्रक्रिया है जिसका इस्तेमाल data को एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में भेजने के लिए किया जाता है। Data Communication को हिंदी में डेटा संचार कहा जाता है।
  • दूसरे शब्दों में कहें तो, “डेटा कम्युनिकेशन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें दो या दो से अधिक कंप्यूटर के बीच Digital Data और Analog Data का आदान प्रदान (exchange) किया जाता है।“
  • सरल शब्दो में कहें तो यह एक ऐसी तकनीक है जिसमें डेटा को एक स्थान से दुसरे स्थान में ट्रान्सफर किया जाता है। इसमें डेटा को wire और wireless दोनों तरीको से ट्रांसफर किया जा सकता है।

डेटा को signal के रूप में एक स्थान से दुसरे स्थान में transfer किया जाता है। signal तीन प्रकार के होते है:- डिजिटल सिग्नल,  एनालॉग सिग्नल और हाइब्रिड सिग्नल .

1– Digital Signal (डिजिटल सिग्नल)

Digital Signal एक प्रकार का सिग्नल होता है जिसमे डेटा को एक स्थान से दुसरे स्थान में Electronic रूप में ट्रांसफर किया जाता है। उदाहरण के लिए – DVD और डिजिटल फ़ोन.

2– Analog Signal (एनालॉग सिग्नल)

Analog Signal में डेटा को wave (तरंग) के रूप में एक स्थान से दुसरे स्थान में transfer किया जाता है। उदाहरण के लिए टेलीफोन लाइन.

3– Hybrid Signal (हाइब्रिड सिग्नल)

यह Analog और Digital signal का सयोजन (combination) है अर्थात् यह एनालॉग और डिजिटल सिग्नल से मिलकर बना होता है.

Components of Data Communication in Hindi – डेटा संचार के घटक

इसके components नीचे दिए हैं:-

  1. Message (मैसेज)
  2. Sender (सेन्डर)
  3. Receiver (रिसीवर)
  4. Transmission Medium (ट्रांसमिशन मीडियम)
  5. Protocol (प्रोटोकॉल)

1– Message

Message एक प्रकार की जानकारी है जो टेक्स्ट, नंबर, चित्र, ऑडियो और वीडियो के रूप में मौजूद होती है।

2– Sender

Sender एक प्रकार का डिवाइस होता है जो डेटा को भेजने का कार्य करता है। उदहारण के लिए कंप्यूटर, वर्कस्टेशन, टेलीफोन हैंडसेट, वीडियो कैमरा आदि।

3– Receiver

यह भी एक प्रकार का डिवाइस होता है जो sender के द्वारा भेजे गए डेटा को प्राप्त करता है।

4– Transmission Medium

Transmission Medium एक प्रकार का रास्ता होता है जिस रास्ते से मैसेज travel करता है और यह मैसेज को sender से Receiver तक ले जाने का कार्य करता है। उदहारण के लिए twisted-pair wire, coaxial cable, fiber-optic cable, और radio waves.

5– Protocol

Protocol नियमो का एक समूह (Set) है जो Data Communication को कण्ट्रोल करके रखता है। Protocol के बिना दो devices आपस में कनेक्ट तो हो सकते है लेकिन संचार (communication) नहीं कर सकते है।

प्रोटोकॉल के प्रकार

इसके दो प्रकार के होते हैं:-

1– TCP (Transmission Control Protocol)

TCP को ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल कहा जाता है। यह एक प्रकार का ट्रांसपोर्ट लेयर प्रोटोकॉल है जो डेटा को source से destination में भेजने का कार्य करता है। TCP का प्रयोग IP protocol के साथ किया जाता है। इसका मुख्य कार्य application layer से डेटा को प्राप्त करना होता है.

2– IP (Internet Protocol)

IP को इंटरनेट प्रोटोकॉल कहा जाता है जिसके द्वारा इंटरनेट पर एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में डेटा को भेजा जाता है। यह एक प्रकार का प्रोटोकॉल है जो डेटा को source से destination तक भेजने का कार्य करता है।

  • TCP/IP मॉडल क्या है?
  • OSI model क्या है?

Types of Data Communication In Hindi – डेटा कम्युनिकेशन के प्रकार

डेटा कम्युनिकेशन तीन प्रकार का होता है:-

  1. Simplex Communication (सिम्पलेक्स कम्युनिकेशन)
  2. Half Duplex communication (हाफ डुप्लेक्स कम्युनिकेशन)
  3. Full-duplex communication (फुल डुप्लेक्स कम्युनिकेशन)

1– Simplex Communication

Simplex communication को one-way या unidirectional communication भी कहा जाता है जो केवल एक ही दिशा (direction) में data को भेजने का काम करता है।

Simplex communication में केवल एक ही डिवाइस डेटा को भेज सकता है और केवल एक ही डिवाइस डेटा को प्राप्त कर सकता है।

उदहारण के लिए– कीबोर्ड का उपयोग करके डेटा को दर्ज करना, स्पीकर का उपयोग करके संगीत सुनना आदि।

2– Half Duplex communication

यह two-way communication है जिसे bidirectional communication भी कहा जाता है. इसमें दोनों दिशाओ में डेटा को ट्रांसफर किया जा सकता है।

Half Duplex communication में एक डिवाइस डेटा को भेजने और दूसरा डिवाइस डेटा को प्राप्त करने का काम करता है। Half Duplex में Devices एक ही समय में डेटा को भेज और रिसीव नहीं कर सकते। उदहारण के लिए walkie-talkie.

3– Full-duplex communication

यह भी एक प्रकार का two-way communication है जिसे हम bidirectional communication भी कहते है।

Full-duplex में दो devices एक ही समय में डेटा को भेज भी सकते है और रिसीव भी कर सकते है। उदहारण के लिए मोबाइल फोन, लैंडलाइन आदि।

  • डेटा ट्रांसमिशन क्या है?
  • ट्रांसमिशन मीडिया क्या है?
  • ट्रांसमिशन मोड क्या है?

Communication Channel in Hindi – कम्युनिकेशन चैनल क्या है?

Communication Channel एक प्रकार का माध्यम (Medium) है जिसका प्रयोग दो या दो से ज्यादा कंप्यूटरों को आपस में जोड़ने के लिए किया जाता है।

कंप्यूटरों को वायर्ड मीडिया या वायरलेस मीडिया के द्वारा जोड़ा जा सकता है। कम्युनिकेशन चैनल को transmission medium के नाम से भी जाना जाता है।

Transmission medium एक प्रकार की link होती है जिसका प्रयोग करके दो या दो से अधिक devices में डेटा को ट्रांसफर कर सकते है।

Communication channel के दो प्रकार होते हैं:-

  1. Guided Media Transmission
  2. Unguided Media Transmission

1– Guided Media Transmission

Guided Media में दो डिवाइस को केबल या वायर के द्वारा आपस में जोड़ा जाता है। Guided media को wired transmission media और Bounded media के नाम से भी जाना जाता है। यह मीडिया केबल की मदद से डेटा को ट्रांसमिट करते है।

Guided Media तीन प्रकार होते है।

  1. Twisted pair cable
  2. Coaxial Cable
  3. Optical fibers

1– Twisted pair cable (ट्विस्टेड पेयर केबल)

Twisted pair cable को दो केबल को आपस में मोड़कर (Twist) बनाया जाता है। ट्विस्टेड पेयर केबल दुसरे Transmission Media की तुलना में काफी सस्ते होते है। इस केबल का

setup करना काफी आसान होता है और यह एक हल्का केबल होता है।

ट्विस्टेड पेयर केबल की फ्रीक्वेंसी रेंज 0 से लेकर 3.5KHz तक हो सकती है। Twisted pair में सिग्नल के leak होने का खतरा बना रहता है जिसके कारण सिग्नल corrupt हो सकते है और यूजर को नेटवर्क से संबंधित समस्याओ का सामना करना पड़ सकता है।

twisted pair केबल का चित्र

Twisted Pair Cable के प्रकार

इसके दो प्रकार होते हैं:-

1– Unshielded Twisted Pair (UTP)

Unshielded Twisted Pair को शार्ट फॉर्म में UTP कहा जाता है जिसका प्रयोग दूरसंचार (Telecommunication) के लिए किया जाता है। इसके अलावा इसका इस्तेमाल कंप्यूटर और टेलीफोन जैसे devices के द्वारा किया जाता है।

UTP के फायदे

  • UTP को इनस्टॉल करना काफी आसान होता है।
  • ये काफी सस्ते होते है।

UTP के नुकसान

  • इस केबल का इस्तेमाल लम्बी दूरी के लिए नहीं किया जा सकता।

2– Shielded Twisted Pair (STP)

Shielded Twisted Pair को शार्ट फॉर्म STP कहा जाता है। इसका प्रयोग ज्यादातर ईथरनेट में किया जाता है.

STP के फायदे

  • इसको इनस्टॉल करना काफी आसान होता है।
  • STP का डेटा ट्रांसमिशन रेट काफी high (अधिक) होता है जिसकी मदद से डेटा तेज गति के साथ ट्रांसफर होता है।

STP के नुकसान

  • UTP की तुलना में Shielded Twisted Pair महंगे होते है।

2- Coaxial Cable

यह एक प्रकार की electric cable होती है जिसमें copper (तांबे) का एक conductor (चालक) होता है और इसके चारों ओर insulator की एक परत होती है. Coaxial cable को Coax के नाम से भी जाना जाता है.

Twisted pair की तुलना में Coaxial Cable का डेटा ट्रांसमिशन रेट काफी बेहतर है लेकिन यह महंगा है और ट्विस्टेड पेयर केबल की तुलना में इस केबल की Frequency ज्यादा होती है।

coaxial केबल का चित्र

Coaxial Cable के प्रकार

इसके दो प्रकार होते हैं:-

1– Baseband transmission

बेसबैंड ट्रांसमिशन में, एक समय में एक सिग्नल को बहुत तेज गति के साथ ट्रांसमिट किया जाता है.

2– Broadband transmission

ब्रॉडबैंड ट्रांसमिशन में, एक समय में एक साथ बहुत सारें सिग्नल को एक साथ ट्रांसमिट किया जाता है।

Coaxial Cable के फायदे

  • Coaxial Cable में डेटा को हाई स्पीड के साथ प्रसारित (transmit) किया जा सकता है।
  • यह high bandwidth की सुविधा प्रदान करता है।

Coaxial Cable के नुकसान

  • यह Twisted pair cable की तुलना में expensive (महंगे) होते है।

3– Optical Fiber (ऑप्टिकल फाइबर)

ऑप्टिकल फाइबर एक तकनीक है जो तेज गति के साथ बड़ी मात्रा में डेटा को प्रसारित (transmit) करता है। Optical fiber इस्तेमाल इंटरनेट केबल में किया जाता है।

ऑप्टिकल फाइबर डेटा को एक light (प्रकाश) के रूप में ट्रांसमिट करता है। यह ट्रांसमिशन करने के लिए electric signal का उपयोग करता है।

Copper wires की तुलना में ऑप्टिकल फाइबर तेज गति के साथ डेटा को एक स्थान से दुसरे स्थान में ट्रांसफर करता है।

ऑप्टिकल फाइबर का चित्र

Optical fibre को तीन elements (तत्वों) को आपस में मिलाकर बनाया जाता है।

  1. Core
  2. Cladding
  3. jacket

1– Core (कोर)

Core कांच या प्लास्टिक का एक टुकड़ा होता है जो ऑप्टिकल फाइबर के किनारे में होता है। Core को ऑप्टिकल फाइबर का Area (क्षेत्र) भी कहा जाता है। जितनी ज्यादा मात्रा में core का area होता है उतनी ही मात्रा में light ऑप्टिकल फाइबर में ट्रांसमिट होती है।

2– Cladding (क्लैडिंग)

Cladding ऑप्टिकल फाइबर में प्रकाश (light) को reflect करने में मदद करता है।

3– Jacket (जैकेट)

यह प्लास्टिक से बनी एक coating होती है जो ऑप्टिकल फाइबर को सुरक्षा प्रदान करती है जिसकी मदद से फाइबर की ताक़त बनी रहती है।

ऑप्टिकल फाइबर के फायदे

  • यह डेटा को तेज गति के साथ ट्रांसफर कर सकता है।
  • copper cable की तुलना में optical fibre डेटा को लम्बी दूरी तक ट्रांसफर कर सकता है।

ऑप्टिकल फाइबर के नुकसान

  • ये काफी महंगे होते है।
  • इस को इनस्टॉल करना काफी मुश्किल होता है।

2– Unguided Media Transmission

Unguided Media Transmission एक प्रकार का transmission mode है जिसमे डेटा को एक डिवाइस से दुसरे डिवाइस में प्रसारित (transmit) करने के लिए wireless तकनीक का उपयोग किया जाता है।

Unguided transmission media का उपयोग डेटा को सभी दिशाओ में transmit करने के लिए किया जाता है।

Unguided Media Transmission के प्रकार

इसके तीन प्रकार होते हैं:-

  1. Radio waves
  2. Microwave
  3. Infrared

1– Radio Waves

Radio waves को electromagnetic waves भी कहा जाता है जिसमे डेटा को सभी दिशाओ में ट्रांसमिट किया जाता है। Radio waves की फ्रीक्वेंसी की रेंज 3Khz से लेकर 1 khz तक हो सकती है। उदहारण के लिए Radio .

Radio waves के फायदे

  • इसमें डेटा को एक डिवाइस से दुसरे डिवाइस में transmit करना काफी आसान होता है।
  • Radio waves बड़े छेत्र को cover कर सकता है। जिसका अर्थ यह है की Radio wave का उपयोग करके डेटा को लम्बी दूरी तक प्रसारित (transmit) किया जा सकता है।

Radio Waves के नुकसान

  • Radio waves की तरंगे इंसानो के लिए harmful (हानिकारक) होती है।

2– Microwave

Microwave एक प्रकार के सिग्नल होते है जो रेडियो और टेलीविजन सिग्नल की तरह ही होते हैं। इसका उपयोग लम्बी दूरी के संचार (communication) के लिए किया जाता है।

माइक्रोवेव में एक transmitter, receiver, और atmosphere मौजूद होता है जो डेटा को रिसीव और ट्रांसफर करने का कार्य करता है।

Microwave में एक parabolic antenna लगा होता है। Antenna (एंटीना) जितना ऊचा होता है frequency range उतनी ही ज्यादा होती है। Microwave दो प्रकार के होते है पहला Terrestrial Microwave और दूसरा Satellite microwave .

माइक्रोवेव के फायदे

  • यह दूसरे केबल की तुलना में सस्ते होते है।
  • Microwave के setup में किसी भी प्रकार की जमीन की ज़रूरत नहीं पड़ती।

Microwave के नुकसान

  • microwave खराब मौसम जैसे बारिश, हवा के कारण खराब हो सकता है।

3– Infrared (इन्फ्रारेड)

Infrared waves का इस्तेमाल कम दूरी के कम्युनिकेशन के लिए किया जाता है। इसके अलावा इसका इस्तेमाल टीवी रिमोट, वायरलेस माउस आदि जैसे devices में किया जाता है।

Infrared के फायदे

  • इसका डेटा ट्रांसमिशन rate काफी हाई होता है जिसका अर्थ यह है की Infrared डेटा को तेज गति के साथ ट्रांसफर करता है।

Infrared के नुकसान

  • Infrared में लम्बी दूरी में संचार (communication) नहीं किया जा सकता।

Advantages of Data Communication in Hindi – डेटा कम्युनिकेशन के फायदे

इसके फायदे नीचे दिए गये हैं:-

1- Data communication की मदद से बहुत कम समय में डेटा को एक स्थान से दुसरे स्थान में ट्रांसफर किया जा सकता है।

2- यह Encryption का प्रयोग करके डेटा को सुरक्षित तरीके से एक डिवाइस से दुसरे डिवाइस में ट्रांसफर करता है

3- Data communication फाइल को कॉपी होने से बचाता है जिसकी वजह से यूजर का डाटा secure (सुरक्षित) रहता है।

4- Data communication में डेटा को transmit करना काफी आसान होता है।

5- यह काफी सस्ता होता है यानी कम लागत में यूजर अपने डेटा को एक स्थान से दुसरे स्थान में ट्रांसफर कर सकता है।

Disadvantages of Data Communication in Hindi – डेटा कम्युनिकेशन के नुकसान

1- Data communication में डेटा के संचार के लिए वायरलेस तकनीक का उपयोग किया जाता है जो इंसानो के लिए काफी harmful (हानिकारक) होती है।

2- इसमें यूजर का data पूरी तरह सुरक्षित नहीं रहता।

3- इसके कुछ चैनल्स ऐसे है जो काफी expensive होते है।

exam में पूछे जाने वाले प्रशन

Data Communication क्या है?

यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में data का ट्रान्सफर किया जाता है.

डेटा कम्युनिकेशन के कितने प्रकार होते हैं?

इसके तीन प्रकार होते हैं:- simplex, half duplex और full duplex communication

Reference:– https://www.geeksforgeeks.org/data-communication-definition-components-types-channels/

निवेदन:- अगर आपके लिए Data Communication in Hindi (डेटा कम्युनिकेशन क्या है और इसके प्रकार) का यह आर्टिकल उपयोगी रहा हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ अवश्य share कीजिये. और आपके जो भी questions हो उन्हें नीचे comment करके बताइए. धन्यवाद.

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