Association in hindi:-
association डेटा माइनिंग का एक फंक्शन है जो एक संग्रह में वस्तुओं की सहवर्ती घटना (co-occurrence) की प्रायिकता को discover करता है.
अर्थात् association एक ऐसी तकनीक है जो कि यह उजागर करती है कि items (वस्तुएं) एक दूसरे से किस प्रकार associate (जुड़ी) हुई होती है.
एसोसिएशन बड़े डेटाबेस में वेरिएबल्स के मध्य रिलेशनशिप को discover (ढूंढने) की एक बहुत ही प्रसिद्ध मेथड है.
एसोसिएशन के दो भाग होते है:-
1:- antecedent (if) 2:- consequent (then)
एक antecedent डेटा में पाया गया एक आइटम है. जबकि एक consequent एक ऐसा आइटम है जो कि antecedent के combination (संजोयन) में पाया जाता है.
association rules जो है वह if/then पैटर्न को analyze करके तथा सबसे महत्वपूर्ण रिलेशनशिप को identify करके बनाये जाते है.
डेटा माइनिंग में, एसोसिएशन रूल कस्टमर के स्वभाव को analyze तथा predict करने में बहुत सहयोगी होती है.
प्रोग्रामर्स एसोसिएशन रूल का प्रयोग मशीन लर्निंग में प्रोग्रामों को बनाने में करते है.
एसोसिएशन का उदाहरण:- 1:- यदि एक कस्टमर बियर की बोतल खरीदता है तो 90% संभव है कि वह उसके साथ नमकीन भी लेगा ही.
2:- यदि एक कस्टमर एक दर्जन केले खरीदता है तो 80% संभव है कि वह दूध भी लेगा ही.
Sequential patterns:-
sequential patterns डेटा माइनिंग का एक फंक्शन है जिसका प्रयोग डेटाबेस में sequential डेटा को analyze करके sequential patterns को खोजने (discover) में किया जाता है.
इसे सर्वप्रथम IBM के अल्मदीन रिसर्च सेंटर में राकेश अग्रवाल द्वारा 1955 में प्रस्तावित किया था.
सबसे पहले इसे रिटेल इंडस्ट्री में प्रयोग किया जाता था जिसमे इसे यह predict करने में प्रयोग किया जाता था कि यदि किसी कस्टमर ने कोई वस्तु खरीदी है तो वह इससे सम्बन्धित कोई अन्य वस्तु खरीदेगा.
परन्तु अब इसका प्रयोग हर प्रकार की इंडस्ट्री में किया जाता है.
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