हेल्लो दोस्तों! आज हम इस आर्टिकल में (Client Server Architecture in Hindi – क्लाइंट सर्वर आर्किटेक्चर क्या है?) के बारें में पढेंगे. इसे बहुत ही आसान भाषा में लिखा गया है. इसे आप पूरा पढ़िए, यह आपको आसानी से समझ में आ जायेगा. तो चलिए शुरू करते हैं:-
Client Server Architecture in Hindi – क्लाइंट सर्वर आर्किटेक्चर क्या है?
- क्लाइंट सर्वर आर्किटेक्चर एक कंप्यूटिंग मॉडल होता है जिसमें सर्वर services को होस्ट करता है और इन services को client को प्रदान करता हैं.
- दूसरे शब्दों में कहें तो, “Client server architecture कंप्यूटर नेटवर्क का एक मॉडल होता है जिसमें क्लाइंट, सर्वर के द्वारा host की गयी services के लिए request करता है और सर्वर इस request को accept करके client को service प्रदान करता है.”
- इस आर्किटेक्चर को “नेटवर्किंग कंप्यूटिंग मॉडल” या “क्लाइंट सर्वर नेटवर्क” के नाम से भी जाना जाता है।
- इस आर्किटेक्चर में जब क्लाइंट इंटरनेट के माध्यम से सर्वर को service के लिए request भेजता है, तो सर्वर उस request को accept करता है और क्लाइंट को service भेजता है।
- इस आर्किटेक्चर में क्लाइंट अक्सर workstation और पर्सनल कंप्यूटर में स्थित होता है जबकि सर्वर नेटवर्क पर स्थित होता है।
- इसमें बहुत सारें क्लाइंट एक सर्वर से data को एक साथ एक्सेस कर सकते हैं, और साथ ही अन्य कार्य भी कर सकते है।
- जहा पर कंप्यूटर की संख्या ज्यादा होती है वहा पर क्लाइंट सर्वर आर्किटेक्चर का उपयोग किया जाता है ताकि काम को आसानी से हैंडल किया जा सके।
- उदहारण के लिए यदि हम प्रिंटर को सर्वर से कनेक्ट कर देते है तो हम किसी भी वर्कस्टेशन से फाइलों का printout निकाल सकते है।
- Client server architecture के उदाहरण है:- Email और world wide web (WWW).
Client Server Architecture के components
इसके components (घटक) निम्नलिखित होते हैं:-
1- Workstations (वर्कस्टेशन)
वर्कस्टेशन को क्लाइंट कंप्यूटर भी कहा जाता है। यह फाइलों और डेटाबेस को मैनेज करता है।
वर्कस्टेशन में अलग-अलग प्रकार के ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है, इनमें अधिकतर Windows ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल अधिक किया जाता है.
वर्कस्टेशन का इस्तेमाल इंजीनियरिंग, आर्किटेक्ट और ग्राफिक डिजाइनरों के द्वारा किया जाता है।
2- Server (सर्वर)
सर्वर को फास्ट प्रोसेसिंग डिवाइस भी कहते है। यह एक कंप्यूटर होता है जो services और data को स्टोर करके रखता है।
इसमें एक प्रकार की मेमोरी होती है जो वर्कस्टेशन से आने वाले request को मैनेज करती है। सर्वर एक समय में बहुत सारें clients को हैंडल कर सकता है.
3- Networking devices (नेटवर्किंग डिवाइस)
नेटवर्किंग डिवाइस एक ऐसा डिवाइस होता है जो वर्कस्टेशन और सर्वर को आपस में जोड़ने का काम करता है। इस डिवाइस का उपयोग पुरे नेटवर्क में अलग अलग कार्यो को करने के लिए किया जाता है। नेटवर्किंग डिवाइस बहुत प्रकार की होती हैं जैसे- hub, switch, router और modem आदि.
Types of Client Server Architecture in Hindi – क्लाइंट सर्वर आर्किटेक्चर के प्रकार
इसके चार प्रकार होते हैं जो कि नीचे दिए गये हैं:-
1- Tier Architecture
1-Tier Architecture सबसे सरल आर्किटेक्चर होता है इसमें client, server और data एक ही कंप्यूटर में मौजूद होते हैं. इसमें client सीधे ही data को एक्सेस कर सकता है.
1 tier architecture को हैंडल करना मुश्किल होता है और इसका इस्तेमाल बहुत ही कम किया जाता है.
1-टियर आर्किटेक्चर में तीन लेयर होती है
- प्रेजेंटेशन लेयर
- बिजनेस लेयर
- डेटा एक्सेस लेयर
2-Tier Architecture
इस आर्किटेक्चर में डेटाबेस को सर्वर में स्टोर किया जाता है और इसमें यूजर इंटरफ़ेस को क्लाइंट के कंप्यूटर में स्टोर किया जाता है।
यह आर्किटेक्चर 1-tier architecture की तुलना में तेज गति से काम करता है।
2 tier architecture में क्लाइंट तथा सर्वर के मध्य direct कम्युनिकेशन होता है तथा क्लाइंट तथा सर्वर के मध्य कोई तीसरा मध्यवर्ती नही होता है।
इस architecture का सबसे अच्छा उदहारण ऑनलाइन टिकट रिजर्वेशन है।
3-Tier Architecture
3-tier architecture में क्लाइंट और सर्वर के बीच एक middleware (मध्यवर्ती) होता है।
इस आर्किटेक्चर में यदि क्लाइंट, सर्वर से जानकारी प्राप्त करने के लिए रिक्वेस्ट करता है तो वह रिक्वेस्ट पहले middleware द्वारा प्राप्त की जाएगी इसके बाद उस रिक्वेस्ट को सर्वर के पास भेजा जायेगा।
यानि कह सकते है की क्लाइंट को सर्वर से जानकारी प्राप्त करने के लिए एक middleware से होकर गुजरना पड़ता है।
इसमें तीन प्रकार की लेयर होती है presentation layer, application layer, और database layer .
N-Tier Architecture
N-टियर आर्किटेक्चर को मल्टी-टियर आर्किटेक्चर भी कहा जाता है। यह तीनो आर्किटेक्चर का छोटा रूप होता है जिसमे presentation, application processing, और management जैसे कार्य शामिल होते है।
Advantages of Client-Server Architecture in Hindi – क्लाइंट सर्वर आर्किटेक्चर के फायदे
1- क्लाइंट सर्वर आर्किटेक्चर में प्रत्येक क्लाइंट को प्रोसेसर में लॉगिन करने की ज़रूरत नहीं पड़ती।
2- इसमें सर्वर के पास बेहतर कण्ट्रोल और रिसोर्सेज होते है।
3- इसमें एक सेंट्रल नेटवर्क की मदद से प्रक्रियाओ और गतिविधियों को कण्ट्रोल किया जा सकता है।
4- इस architecture में यूजर सेंट्रल स्टोरेज में मौजूद फाइलों को किसी भी समय एक्सेस कर सकता है।
5- यह फाइलों को arrange करने के लिए एक बेहतर यूजर इंटरफ़ेस प्रदान करता है।
6- इस आर्किटेक्चर में फाइलों को शेयर करना आसान होता है।
7- इसमें security (सुरक्षा) बहुत ही अच्छी होती है.
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Disadvantages of Client Server architecture in Hindi – क्लाइंट सर्वर आर्किटेक्चर के नुकसान
1- इसमें, यदि प्राइमरी सर्वर डाउन हो जाता है, तो पूरा आर्किटेक्चर प्रभावित होता है।
2- इस आर्किटेक्चर में हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर जैसे टूल होते है जो काफी महंगे होते है। इस आर्किटेक्चर को ऑपरेट करने में ज्यादा खर्चा आता है।
3- इसमें नेटवर्किंग के लिए विशेष प्रकार के ऑपरेटिंग सिस्टम की ज़रूरत पड़ती है।
4- इसमें नेटवर्क को मेन्टेन करने के लिए अलग अलग प्रकार की तकनीकों की ज़रूरत पड़ती है।
5- इसमें ट्रैफिक को हैंडल करना मुश्किल होता है।
Difference between client server architecture and peer-to-peer network in Hindi
client server architecture | peer-to-peer network |
इसके पास centralized data मैनेजमेंट होता है। | इसके पास अपना खुद का डाटा और एप्लीकेशन होता है। |
इसका मुख्य कार्य information को शेयर करना होता है। | इसका मुख्य कार्य कनेक्शन को मेन्टेन करके रखना होता है। |
इसका उपयोग छोटे और बड़े नेटवर्क के लिए किया जाता है। | इसका उपयोग छोटे नेटवर्क के लिए किया जाता है। |
यह ज्यादा stable होते है। | यह कम stable होते है। |
यह पीयर-टू-पीयर नेटवर्क की तुलना में महंगा होता है। | यह क्लाइंट सर्वर आर्किटेक्चर की तुलना में सस्ता होता है। |
इसे पढ़ें:- वेब सर्वर क्या है और इसके प्रकार
Exam में पूछे जाने वाले प्रश्न
क्लाइंट सर्वर आर्किटेक्चर क्या है?
यह कंप्यूटर नेटवर्क का एक मॉडल होता है जिसमें क्लाइंट, सर्वर के द्वारा host की गयी services के लिए request करता है और सर्वर इस request को accept करके client को service प्रदान करता है
क्लाइंट सर्वर आर्किटेक्चर कितने प्रकार के होते है?
इसके तीन प्रकार होते है :- 1- Tier Architecture, 2- Tier Architecture और 3- Tier Architecture
Reference:– https://intellipaat.com/blog/what-is-client-server-architecture/#:~:text=Client%20server%20architecture%20is%20a,are%20delivered%20over%20a%20network.
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