हेल्लो दोस्तों! आज हम इस आर्टिकल में Second Generation of Computer in Hindi – (कंप्यूटर की दूसरी पीढ़ी) के बारें में पढेंगे. इसे बहुत ही आसान भाषा में लिखा गया है. इसे आप पूरा पढ़िए, यह आपको आसानी से समझ में आ जायेगा. तो चलिए शुरू करते हैं:-
Second Generation of Computer in Hindi – कंप्यूटर की दूसरी पीढ़ी
कंप्यूटर की दूसरी पीढ़ी की शुरुआत वर्ष 1956 में हुई थी और इसका अंत 1963 में हुआ था। दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर में transistor (ट्रांजिस्टर) का उपयोग किया जाता था जो वैक्यूम ट्यूब के मुकाबले काफी छोटा था।
ट्रांजिस्टर का निर्माण वर्ष 1947 में Walter H. Brattain, John Bardeen और William B. Shockley के द्वारा किया गया था। ट्रांजिस्टर के कारण दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर का साइज पहली पीढ़ी के मुकाबले छोटा हुआ करता था।
ट्रांजिस्टर के आने के बाद कंप्यूटर के क्षेत्र में काफी तेज गति से विकास हुआ। ट्रांजिस्टर, वैक्यूम ट्यूब की तुलना में काफी सस्ते थे , size में छोटे थे , और ज्यादा विस्वश्नीय reliable भी थे।
हालांकि वैक्यूम ट्यूब की तरह ही ट्रांजिस्टर भी heat प्रोडूस करता था जिसकी वजह से दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर जल्दी गर्म हो जाया करते थे। दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर पहली पीढ़ी की तुलना में सस्ते हुआ करते थे।
इस जनरेशन के कंप्यूटर तेज गति से कार्य को पूरा करते थे। इस पीढ़ी के कंप्यूटर में असेंबली लैंग्वेज और हाई-लेवल लैंग्वेज का प्रयोग किया जाता था।
इस पीढ़ी के कंप्यूटरों में batch processing और multi-programming ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग भी किया जाता था।
दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर का आकार छोटा हुआ करता था जिसकी वजह से यह कम मात्रा में बिजली की खपत (consume) करते थे।
इस जनरेशन के कंप्यूटर स्टोरेज के लिए magnetic core का उपयोग किया करते थे। दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर में इनपुट और आउटपुट डिवाइस के स्थान पर punch card और printout का इस्तेमाल किया जाता था।
इस जनरेशन का पहला कंप्यूटर TX-0 था जिसे ट्रांजिस्टर की मदद से बनाया गया था। इस कंप्यूटर को वर्ष 1956 में लांच किया गया था।
- कंप्यूटर की पीढियां
- कंप्यूटर की पहली पीढ़ी
दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर के उदाहरण –
- UNIVAC 1108
- CDC 1604
- Honeywell 400CDC 3600
- IBM 7094
Features of Second Generation of Computer in Hindi – दूसरी पीढ़ी कंप्यूटर की विशेषताएँ
1- पहली पीढ़ी के कंप्यूटर की तुलना में इस पीढ़ी के कंप्यूटर का आकार छोटा था।
2- इस पीढ़ी के कंप्यूटर में वैक्यूम ट्यूब के स्थान पर transistor का प्रयोग किया जाता था।
3- दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर में मशीन भाषा के स्थान पर असेंबली भाषा का इस्तेमाल किया जाता था।
4- इस पीढ़ी के कंप्यूटर डेटा की कैलकुलेशन तेज गति से करते थे।
5- पहली पीढ़ी की तुलना में दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर सस्ते हुआ करते थे।
- मशीन भाषा और असेंबली भाषा में अंतर्
Advantages of Second Generation Computer in Hindi – दूसरी पीढ़ी कंप्यूटर के फायदे
1- इस पीढ़ी के कंप्यूटर को रखने के लिए कम स्पेस की आवश्यकता पड़ती थी।
2- दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर काम करते समय जल्दी गर्म नहीं होते थे।
3- ये अपने छोटे आकार के कारण कम बिजली ख़र्च करते थे।
4- दूसरी पीढ़ी वाले कंप्यूटर के काम करने की speed काफी अच्छी थी। ये डाटा को microseconds में कैलकुलेट कर लेते थे।
5- पहली पीढ़ी के मुकाबले दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटरों को मेन्टेन करना आसान था।
6- इनकी accuracy अधिक थी और ये reliable (विश्वसनीय) होते थे।
Disadvantages of Second Generation Computer in Hindi – दूसरी पीढ़ी कंप्यूटर के नुकसान
1- इस पीढ़ी के कंप्यूटर को लगातार maintain (रख-रखाव) की जरूरत पड़ती थी।
2- इसका इस्तेमाल केवल कुछ विशेष काम को पूरा करने के लिए ही किया जाता था।
3- इन कंप्यूटर को इनपुट के लिए पंच कार्ड का इस्तेमाल करना पड़ता था।
4- इस जनरेशन के कंप्यूटर में commercial production करना मुश्किल था।
Difference between Second & Third Generation of Computer – दूसरी और तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर में अंतर्
Second Generation of Computer | Third Generation of Computer |
कंप्यूटर की दूसरी पीढ़ी में ट्रांजिस्टर का इस्तेमाल किया जाता था। | कंप्यूटर की तीसरी पीढ़ी में IC (Integrated circuit) का इस्तेमाल किया जाता था। |
इस पीढ़ी के कंप्यूटर तीसरी पीढ़ी की तुलना में बड़े हुआ करते थे। | इस पीढ़ी के कंप्यूटर का आकार छोटा हुआ करता था। |
यह कंप्यूटर कम विस्वश्नीय (reliable) थे। | यह कंप्यूटर ज्यादा विस्वश्नीय (reliable) हुआ करते थे। |
तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर की तुलना में इस पीढ़ी के कंप्यूटर धीमी गति से काम करते थे। | इस पीढ़ी के कंप्यूटर तेज गति से काम को करते थे। |
इस पीढ़ी के कंप्यूटरों में batch processing और multi-programming ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग किया जाता था। | इसमें time sharing और multi programming ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग किया जाता था। |
इस पीढ़ी में असेंबली लैंग्वेज और हाई-लेवल लैंग्वेज का इस्तेमाल किया जाता था। | इस पीढ़ी में Cobol और Pascal जैसी लैंग्वेज का इस्तेमाल किया जाता था। |
इस पीढ़ी के कंप्यूटर कम एडवांस और मॉडर्न थे। | पहली और दूसरी पीढ़ी की तुलना में इस पीढ़ी के कंप्यूटर ज्यादा मॉडर्न और एडवांस थे। |
इस पीढ़ी के कंप्यूटर कार्य करते समय ज्यादा मात्रा में बिजली खर्च किया करते थे। | इस पीढ़ी के कंप्यूटर कम मात्रा में बिजली खर्च किया करते थे। |
इस पीढ़ी के कंप्यूटर धीमी गति से डेटा को कैलकुलेट करते थे। | इस पीढ़ी के कंप्यूटर तेज गति से डेटा को कैलकुलेट करते थे . |
इस पीढ़ी के कंप्यूटर को मेन्टेन करना मुश्किल था। | इस पीढ़ी के कंप्यूटर को मेन्टेन करना आसान था। |
Exam में पूछे जाने वाले प्रश्न
दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर में किस भाषा का इस्तेमाल किया जाता था?
इस पीढ़ी के कंप्यूटर में असेंबली लैंग्वेज और हाई-लेवल लैंग्वेज का इस्तेमाल किया जाता था।
दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर में कोनसे ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता था?
इस पीढ़ी के कंप्यूटरों में batch processing और multi-programming ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग किया जाता था।
Reference:– https://www.tutorialspoint.com/computer_fundamentals/computer_second_generation.htm
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