Hello दोस्तों! आज हम इस पोस्ट में Software Engineering in Hindi (सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग क्या है?) के बारें में पूरे विस्तार से पढेंगे और software के characteristics को भी जानेंगे. इसे मैंने बहुत ही आसान भाषा में लिखा है. आप इसे पूरा पढ़िए, आपको यह आसानी से समझ में आ जायेगा.
Software Engineering in Hindi – सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग क्या है?
Software engineering का अर्थ एक ऐसी इंजीनियरिंग से है जिसमें कंप्यूटर सिस्टम तथा किसी अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के लिए सॉफ्टवेयर का निर्माण किया जाता है।
दूसरे शब्दों में कहें तो “सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग एक प्रक्रिया है जिसमें user की जरूरतों को analyze किया जाता है और इन जरूरतों के आधार पर software को बनाया जाता है.”
सॉफ्टवेयर इंजीनियर प्रोग्रामिंग तथा डिजाइनिंग करके इन सॉफ्टवेयरों तथा ऍप्लिकेशनों का निर्माण करते है।
software engineering दो शब्दों से मिलकर बना हुआ है. पहला software और दूसरा engineering.
Software जो है वह programs का एक collection होता है. सॉफ्टवेयर को बहुत सारीं programming languages का प्रयोग करके विकसित किया जाता है.
Engineering का अर्थ है scientific (वैज्ञानिक) सिद्धांतों और विधियों का प्रयोग करके products को विकसित करना.
Software engineering की जरूरत क्यों पड़ती है?
इसकी जरूरत निम्नलिखित कारणों से पड़ती है:-
- बड़े software को manage करने के लिए.
- ज्यादा scalability के लिए.
- Cost को manage करने के लिए.
- सॉफ्टवेयर के dynamic nature को manage करने के लिए.
- बेहतर quality management के लिए.
Characteristics of Software Engineering in Hindi – सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की विशेषताएं
सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की निम्नलिखित विशेषताएं होती हैं –
- Large Software – Real life में, पूरे मकान को बनाने की बजाय किसी दीवार को बनाना आसान होता है. इसी प्रकार जब भी software का size बड़ा हो जाता है तो software engineering, सॉफ्टवेयर को विकसित करने में help करता है.
- Scalability – यदि हम सॉफ्टवेयर का निर्माण scientific और engineering concepts के आधार पर करते हैं तो नए सॉफ्टवेयर को बनाना आसान होता है.
- Cost – सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की प्रक्रिया को follow करके हम software के cost को कम कर सकते हैं. इसके लिए हमें सही process को follow करना होता है.
- Dynamic nature – software का nature (स्वभाव) हमेशा बदलता रहता है और उसमें समय के अनुसार change करने की आवश्यकता होती है. इसमें software engineering बहुत अहम् भूमिका निभाता है.
- Quality management – अगर software को बनाने की method (विधि) बेहतर होती है तो software की quality भी बेहतर होती है. सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग सॉफ्टवेयर को बनाने के लिए बेहतर methods प्रदान करती है.
Advantage of Software Engineering in Hindi – सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग के लाभ
इसके लाभ निम्नलिखित हैं:-
- यह बड़े सॉफ्टवेयर की complexity को कम करता है. बड़ा सॉफ्टवेयर हमेशा complicated और challenging होता है. Software engineering के द्वारा बड़े project की complexity को कम किया जा सकता है क्योंकि यह बड़े problems को छोटी problems में तोड़ देता है. जिससे छोटी problem को आसानी से solve किया जा सकता है.
- यह software के cost (मूल्य) को कम करता है.
- यह software को develop करने में लगने वाले time को कम करता है.
- इसके द्वारा बड़े projects को handle करना आसान होता है. बड़े projects को कुछ दिनों में पूरा नहीं किया जा सकता. इसमें बहुत समय लगता है और इसके लिए बहुत planning करनी पड़ती है. अगर हम software engineering के methods को follow करते है तो बड़े projects को आसानी से handle किया जा सकता है.
- इससे सॉफ्टवेयर reliable बनता है. अर्थात सॉफ्टवेयर secure होगा और उसमें bugs नही आयेंगे.
- Software engineering की मदद से सॉफ्टवेयर ज्यादा effective (प्रभावी) हो जाता है.
इसे भी पढ़ें:-
- SDLC in Hindi
- सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग के सिद्धांत (principles) क्या होते है?
Characteristics of Software in Hindi – सॉफ्टवेयर की विशेषताएं
एक अच्छे सॉफ्टवेयर के निम्नलिखित गुणधर्म होते है:-
1:- Robustness – सॉफ्टवेयर में robustness होनी चाहिए जिससे कि सॉफ्टवेयर में defects तथा failure को detect किया जा सकें।
2:- Security – सॉफ्टवेयर में security बेहतर होनी चाहिए जिससे कि सॉफ्टवेयर सम्पूर्ण सुरक्षा बनी रहें और वह threats से सुरक्षित रहें।
3:- Reliability – सॉफ्टवेयर reliable होना चाहिए अर्थात इसमें कोई defects नही होने चाहिए।
4:- Flexibility – सॉफ्टवेयर flexible होना चाहिए अर्थात अगर सॉफ्टवेयर में कुछ बदलाव करने है तो वह आसानी से किये जा सकें।
5:- Testability – सॉफ्टवेयर की टेस्टिंग आसानी से की जा सकें।
6:- Platform independent – सॉफ्टवेयर platform independent होना चाहिए अर्थात वह किसी भी सिस्टम में run हो सकें।
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