DOS क्या है? – What is DOS?
DOS का पूरा नाम “Disk Operating System” है। DOS एक single user ऑपरेटिंग सिस्टम है, जो hard disk drive से चलता है।
यह text-based interface या Character user interface (CUI) ऑपरेटिंग सिस्टम है, इसमें command line का उपयोग किया गया था।
pwd (print working directory) और cd (change directory) जैसे निर्देश देकर यूजर हार्ड ड्राइव पर फ़ाइलों को ब्राउज कर सकता है।
यह दो version में उपलब्ध है, पहला है “PC-DOS” जो IBM द्वारा विकसित किया था फिर इसे first IBM-compatible निर्माताओं को बेचा गया था।
What is Operating system in Hindi
MS-DOS क्या है? MS-DOS क्या है? – What is MS-DOS?
MS-DOS (Microsoft disk operating system) इसका दूसरा version है, जिसका अधिकार और पेटेंट माइक्रोसॉफ्ट ने खरीद लिया और इसे windows के पहला versions के साथ जोड़ा गया।
What is DOS, के बाद आगे आप जानेंगे कि DOS के कितने versions लाये गए थे।
DOS के संस्करण – Versions of DOS
Year | Versions of Dos | Description |
1981 | Microsoft PC-DOS 1.0 | यह ऑपरेटिंग सिस्टम का पहला offical version है, जो अगस्त 1981 में जारी किया गया था। इसे IBM PC पर संचालित करने के लिए डिज़ाइन किया गया था। |
1982 | MS-DOS 1.25 | यह OS का पहला version था, जिसका नाम ” MS-DOS ” रखा गया था। |
1984 | MS-DOS 3.0 | इसे अगस्त 1984 में IBM PC AT के लिए जारी किया गया था। |
1985 | MS-DOS 3.1 | अप्रैल 1985 में “MS-DOS for networks” को पेश किया गया था। यह DOS का पहला version था जोकि local area networks को support करता था। |
1986 | MS-DOS 3.2 | यह version अप्रैल 1986 में जारी किया गया था। यह फ्लॉपी डिस्क ड्राइव के 3 1/2 इंच, 720 KB को support करता था। |
1987 | MS-DOS 3.31 | इसे नवंबर 1987 में जारी किया गया था, जिसे Compaq computers के लिए डिज़ाइन किया गया था। |
1988 | MS-DOS 4.01 | इसे नवंबर 1988 में जारी किया गया था, जिसमे volume serial numbers के लिए support किया गया था। |
1991 | MS-DOS 5.0 | यह जून 1991 में जारी किया गया था, इसकी विशेषता थी कि यह 3.5 इंच 2.88 MB फ्लॉपी डिस्क और full screen text editor को support करता था। |
1993 | MS-DOS 6.0 | इसे अगस्त 1993 में पेश किया गया था, इसमें QBASIC, disk compression, UMA optimization, और antivirus software MSAV की विशेषता मौजूद थी। |
1994 | MS-DOS 6.22 | इसे अप्रैल 1994 में पेश किया गया था, इसमें DBLSPACE को हटा कर compression utility और DRVSPACE को शामिल किया था। यह MS-DOS का अंतिम stand-alone version था। |
1995 | MS-DOS 7.0 | 24 अगस्त 1995 में इसे जारी किया गया था, MS-DOS 7.0 को Windows 95 command line में index किया था। |
DOS की विशेषताएँ – Features of DOS
- इसे कमांड के माध्यम से चलाया जाता है, इसमें माउस का उपयोग नहीं किया जाता।
- यह एक 16-bit ऑपरेटिंग सिस्टम।
- DOS फ्री में उपलब्ध कराया जाता है।
- इसमें अधिकतम स्पेस 2 GB का होता है।
- इसको संचालित करने के लिए text और code की आवश्यकता पढ़ती है, DOS एक text-basFed interface है।
- यह graphical interface को support नहीं करता।
- इसकी मदद से आप files और folder को बना सकते है, edit और delete भी कर सकते है, और भी कार्य कर सकते है।
- यह single user ऑपरेटिंग सिस्टम है।
लाभ – Advantages of DOS
- DOS बहुत हल्का ऑपरेटिंग सिस्टम है, इसके उपयोग से अधिकांश हार्डवेयर तक सीधे पहुंचा जा सकता है।
- इसके छोटे आकर के कारण, यह किसी भी Windows version की तुलना में बहुत तेजी से boot होगा, यह एक छोटे सिस्टम में चलेगा।
- इसके हल्के होने के कारण, इसमें multitasking ऑपरेटिंग सिस्टम का overhead नहीं है।
हानि – Disadvantages of DOS
- इसमें एक समय में एक ही यूजर काम कर सकते है।
- यह multi-tasking ऑपरेटिंग सिस्टम नहीं है।
- यह 16 bit और 640 MB RAM तक सिमित है।
DOS के कमांड – Commands of DOS
MS-DOS में किसी भी कार्य को करने के लिए command देना होता है, क्योंकि यह एक command driven ऑपरेटिंग सिस्टम है। MS-DOS की यह commands “Command Prompt c:>” में दी जाती है।
Types of DOS Command
DOS में कमांड को दो भागों बांटा गया है।
- Internal Command
- External Command
आंतरिक कमांड क्या है? – What is Internal command?
MS-DOS की सभी Internal commands “Command.COM” में परिभाषित होती है।
यदि Command.COM आपके सिस्टम में से हटा दिया जाये तो, आप इंटरनल कमांड का उपयोग नहीं कर सकते है।
इंटरनल कमांड को चलने के लिए किसी विशेष फाइल की आवश्यकता नहीं होती है।
इंटरनल कमांड के कुछ नाम इस प्रकार है –
CD (Change Directory)
REN (Rename)
DEL (Delete)
VOL (Volume)
DATE
TIME आदि।
बाहरी कमांड क्या है? – What is External command?
External command disk में स्टोर होते है, यह command.com में शामिल नहीं होते। इंटरनल कमांड की तुलना में एक्सटर्नल कमांड को उच्च संसाधनों की आवश्यकताएं होती है।
कंप्यूटर में कई External command Windows/system32 या Winnt/system32 directories में स्थित होती है।
एक्सटर्नल कमांड के कुछ नाम इस प्रकार है –
APPEND
CHKDSK
EDIT
BACKUP
ATTRIB आदि।
आपने जाना –
हमारे इस आर्टिकल में आपने जाना की DOS क्या है?- What is DOS, इसकी विशेषताएँ, लाभ और हानि, और यह भी जाना की DOS में दो प्रकार की कमांड होती है –
Internal command और External command.
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