half adder तथा full adder क्या है?

इस पोस्ट में हम half adder तथा full adder के बारें में पढेंगे.

what is Half adder in hindi (हाफ ऐडर क्या है?)

half adder का प्रयोग डिजिटल परिपथों (digital circuits) में गणितीय कार्य के लिए किया जाता है. दो 1 bit संख्याओं को जोड़ने के लिए प्रयुक्त किया जाने वाला लॉजिक परिपथ ‘half adder’ कहलाता है.

जैसे हम दो binary संख्याओं को जोड़ते है उसी प्रकार half adder में भी जोड़ने की क्रिया की जाती है. दो बाइनरी संख्याओं को जोड़ने पर carry उत्पन्न हो सकती है. उदाहरण के लिए 1 एवं 1 को जोड़ने पर योग 0 तथा carry 1 प्राप्त होती है. half adder परिपथ में दो input तथा दो output टर्मिनल होते है. आउटपुट टर्मिनल में से एक पर इनपुट में प्रयुक्त संख्याओं का योग (sum) तथा दूसरे पर carry प्राप्त होती है.

 

उपर चित्र में एक half adder का लॉजिक परिपथ प्रदर्शित किया गया है. इसमें एक ex-OR तथा दूसरा AND gate का प्रयोग किया गया है. Ex-OR की आउटपुट, इनपुट संख्याओं A तथा B का योग (A¯B + AB¯) होता है. तथा AND का आउटपुट योग में प्राप्त carry होती है.

half adder truth table

नीचे आपको half adder की truth table दी गयी है.

 

truth table से स्पष्ट है कि AND gate की output केवल उस स्थिति में HIGH होती है जब दोनों input A तथा B, HIGH होती है. Ex-OR gate केवल तब HIGH आउटपुट देता है जब दोनों इनपुट में से कोई एक HIGH (दोनों नहीं) होती है.

>half substractor तथा full substractor क्या है

what is Full adder in hindi (फुल ऐडर क्या है?)

half adder में केवल दो इनपुट टर्मिनल होते है तथा यदि जोड़ी जाने वाली संख्या में multi bit संख्याएँ हैं तब half adder में निम्न क्रम के bit (lower order bits) से प्राप्त carry को नहीं जोड़ा जा सकता है इसके लिए full adder का प्रयोग किया जाता है. full adder एक समय में 3 bit का योग (sum) कर सकता है. तीसरा bit निम्न क्रम bit के योग से प्राप्त carry होता है.

full adder truth table

 

K-map for sum and carry in a full adder (फुल ऐडर में sum तथा carry के लिए K-map)

 

full adder symbol (फुल ऐडर का संकेत)

 

दो हाफ ऐडर तथा एक OR गेट का प्रयोग कर फुल ऐडर बनाना
(Designing of Full Adder using Half Adder and one OR gate)

दो half adder तथा एक OR gate का प्रयोग करके भी एक full adder बनाया जा सकता है. नीचे आपको चित्र दिया गया है.

 

half adder-1 को A तथा B इनपुट दी जाती है. इससे प्राप्त sum-1, दूसरे half adder को इनपुट किया जाता है. half adder-2 की दूसरी इनपुट C है. half adder-2 से प्राप्त sum फुल ऐडर की sum आउटपुट के बराबर होता है. पहले हाफ ऐडर से प्राप्त carry तथा दूसरे हाफ ऐडर से प्राप्त carry को OR gate की इनपुट में दिया जाता है. OR gate की आउटपुट full adder की carry होती है.

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