Information (सूचना) क्या है और इसके प्रकार

हेल्लो दोस्तों! आज हम इस पोस्ट में What is information in Hindi (सूचना क्या है?) के बारें में पढेंगे. और इसके types, levels को भी देखेंगे. इसे आप पूरा पढ़िए, आपको यह आसानी से समझ में आ जायेगा. तो चलिए शुरू करते हैं:

Information in Hindi – सूचना क्या है?

  • Information एक ऐसी जानकारी होती है जिसे हम इंसान आसानी से समझ सकते हैं। यह एक महत्वपूर्ण (important) जानकारी होती है।
  • दूसरे शब्दों में कहें तो,  “Information एक प्रोसेस किया हुआ और organize (व्यवस्थित) डेटा होता है जिसका उपयोग महत्वपूर्ण निर्णय लेने में किया जाता है।” उदाहरण के लिये – “भारत की क्रिकेट टीम में 11 players हैं। जिनमें से 4 bowler और 7 batsman हैं।” यह एक सूचना है।
  • Data के एक समूह को process करने के बाद आउटपुट मे जो मिलता है उसे information कहा जाता है।
  • इसमे data को ऐसे process किया जाता है जिससे किसी चीज के बारे मे उसका useful मतलब पता लग सके। उदाहरण के लिए – अगर हम किसी कॉलेज की वेबसाइट पर अपना रिजल्ट check कर रहे है, तो हमे अपना रिजल्ट पता करने के लिए रोल नंबर को कॉलेज की वेबसाइट पर process करना होगा तभी रिजल्ट का पता लगाया जा सकता है। यानि रोल नंबर data है जिसे process करने के बाद जो marks दिखे वो information है।
  • Information हमेशा data का organized (व्यवस्थित) रूप होता है. इसमे बहुत सारे data को जोड़ा जाता है जिससे कि information मिल सके.
  • Information को हम दो तरीको से ले सकते है media information और non media information  के रूप मे। Media information मे text, images, विडियो, ऑडियो आदि आते है |

Need of information in Hindi (सूचना की आवश्यकता)

  1. अपने आस पास के माहोल को समझने के लिए information की जरुरत होती है। जैसे कि एक organization या कंपनी के द्वारा अपने product को market मे निकलने से पहले market और जो product मार्केट मे आ चुके है उनके बारे मे information लेना जरुरी है।
  2. अपने आस पास को चीजो और नयी skill को सीखने के लिए information की जरुरत है होती है। इससे हम बदलते समय के साथ information के बारे मे up to date रहते है|
  3. हमे information की जरुरत इसलिए भी है जिससे हम चीजो को अपने साथ या किसी चीज के साथ relate कर सके। उदाहरण के लिए किसी competition exam की preparation करने के लिए उस exam के syllabus के बारे मे पता होना बहुत जरुरी है जिससे हम उस exam के बारे मे समझ सके की उसकी डिमांड क्या है|
  4. किसी संस्था की new policy के बारे मे सही decision लेने के लिए information  की जरुरत है।

Characteristics of Information in Hindi (सूचना की विशेषताएं)     

1:- Timeline –  किसी information मे समयसीमा ( timeline ) की महत्वपूर्ण आवशयकता होती है। अगर किसी organization को अपने product की तरह के दूसरे product के बारे मे जानकारी चाहिए तो एक time frame यानि पिछले 5 सालो की information से दूसरी कंपनी के product की analysis कर सकता है।

2:- Accuracy – किसी information मे किसी भी प्रकार की गलती, errors या fault नही होना चहिए। information निकालते समय उसका 100% accurate होना बहुत जरुरी है।

3:- Relevance  – किसी भी information का relevant (उचित) होना जरुरी है।

4:- Sufficient amount of information – किसी अच्छी information के लिए उसका sufficient (पर्याप्त) होना जरुरी है।

5:- Completness – Information हमेशा पूरी होनी चाहिए। आधी अधूरी जानकारी काम बिगाड़ सकती है।

6:- Validity – किसी information का valid (वैध) होना जरुरी है।

7:- Reliability – information हमेशा भरोसेमंद होनी चाहिए अगर सूचना relevant, accurate, valid और sufficient है फिर उसकी reliability बढ जाती है.

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Types of information in Hindi (सूचना के प्रकार )

इसके निम्नलिखित 6 प्रकार होते हैं:-

1:- planning information – जब कोई इनफार्मेशन planning करते समय इस्तेमाल होती है उसे planning information कहते है। जैसे किसी कंपनी के product का time frame क्या होगा, उसकी design क्या होगी, उस product या सर्विस के standard क्या होगे आदि।

2:- control information – जब कोई कंपनी customer से लिए गये feedback के जरिए अपना product या सर्विस को अच्छी करती रहती है जिससे future मे कोई mistake ना हो उसे control information कहा जाता है। जैसे customer support, product या सर्विस का review.

3:- knowledge information –  इनफार्मेशन का ऐसा collection (संग्रह) जिससे किसी product के बारे में knowledge मिल सके उसे knowledge information कहा जाता है यह लाइब्रेरी, records, रिसर्च वर्क, आदि के रूप मे हो सकता है |

4:- organization information – यह वह इनफार्मेशन होती है जो किसी organization के सभी कर्मचारियों के द्वारा इस्तेमाल की जाती है इसलिए इसे organization information कहा जाता है यह सूचना organization के अन्दर की सूचना होती है। जैसे कि – कितने employee काम कर रहे है, product कितने बचे हैं आदि।

5:- operation information – जब कोई सूचना किसी कंपनी के operation (कामों) मे इस्तेमाल की जाती है उसे operation information कहा जाता है |

6:- Database information –  जब डेटाबेस के रूप मे सूचना का कई जगह इस्तेमाल होता है तो उसे डेटाबेस इनफार्मेशन कहा जाता है |

Level Of information in Hindi (सूचना के स्तर ) 

सूचना के तीन levels होते हैं।

Level 1 – इस लेवल की सूचना केवल उच्च स्तरीय (Top level) के लोगों के लिये होती है, यह सूचना निम्न अथवा मध्यम स्तर के अधिकारी, कर्मचारी या व्यक्तियों के लिये नहीं होती है।

लेवल 1 की इनफार्मेशन के आधार पर ही उच्च स्तर के व्यक्ति, अधिकारी या कर्मचारी कुछ निर्णय लेते हैं अर्थात इस स्तर की सूचना के आधार पर ही कुछ प्लानिंग या रणनीति तैयार की जाती है। Level 1 की सूचना काफी important होती है।

Level 2 – इस लेवल की सूचना मध्यम स्तर के अधिकारी, कर्मचारी या व्यक्तियों के लिये होती है यह स्तर 1 से कम महत्त्वपूर्ण होती है परन्तु स्तर 3 से अधिक महत्त्व रखती है। इसके आधार पर भी हम भविष्य योजनायें या रणनीति तैयार करते हैं।

Level 3 – इस लेवल की सूचना निम्नतम स्तर (low level) की सूचना होती है। यह छोटे कर्मचारियों के लिए है।

Technique Of information in Hindi  (सूचना को इक्कठा करने के तरीके )

1:- Survey – इसमे सूचना को collect करने के लिए जगह जगह जाकर लोगो से question पूछे जाती है जिसके आधार पर सर्वे को ready किया जाता है। इसमें जानकारी को हासिल करने के लिए फ़ील्ड मे लोगो के बीच जाया जाता है। जिसके आधार पर उनसे किसी चीज़ के बारे मे उनकी राय या वो क्या सोचते है को आधार बना कर सूचना को collect किया जाता है। यह सूचना को हासिल करने का सबसे famous तरीको मे से एक है |

2:- Secondary data – इसमे सूचना को किसी फ़ील्ड पर जाये बिना पुराने रिकॉर्ड, magazine, कंपनी वेबसाइट का इस्तेमाल किया जाता है। कंपनी सूचना को कम समय मे हासिल करने के लिए इनका use करती है।

3:- Test – इसमे सूचना को collect करने के लिए experiment का use किया जाता है। यह जानकारी लेने के सबसे महगे तरीको मे से एक है। इसमें सूचना को लेने मे बहुत समय जाता है। इन तरीको का इस्तेमाल ज्यादातर बड़ी कंपनी करती है। इनका उपयोग ज्यादातर medical इंडस्ट्री मे किया जाता है। इसमे information का रिजल्ट आने मे काफी time लगता है क्योकि इसमे कई trail के बाद final information ली जाती है किसी एक trail मे हुई गड़बड़ी information के रिजल्ट को बदल देती है जिससे इन्फॉर्मेशन की accuracy पर सवाल पैदा हो जाता है।

4:- Interview – इसमें सूचना को collect करने के लिए किसी व्यक्ति से question किये जाते है। question के दिए गये answer के आधार पर उसका output निकला जाता है फिर अंतिम सूचना को तैयार किया जाता है। इसमे सूचना को लेने के लिए पहले से question तैयार किये जाते है। सूचना लेने मे एक या एक से ज्यादा व्यक्ति भी हो सकते है। इन तरीको का प्रयोग ज्यादातर उस चीज़ के बारे मे जानकारी लेना होता है जो सेकेंडरी डाटा मे बहुत कम है।

डाटा क्या है?

डेटा (Data) एक Raw और असंगठित (Unorganised) Facts है जिसे सार्थक बनाने के लिए उसे Process करने की जरूरत होती है.

Reference:- https://en.wikipedia.org/wiki/Information

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