Hello दोस्तों! आज मैं आपको इस आर्टिकल में what is sound recording in hindi (साउंड रिकॉर्डिंग क्या है तथा इसे कैसे record किया जाता है) के बारें में बताऊंगा तो चलिए start करते हैं:
Sound Recording in hindi (साउंड रिकॉर्डिंग क्या है?)
sound recording, ध्वनि तरंगों का इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रॉनिक या डिजिटल inscription(अभिलेख) होता है. sound recording मैं ध्वनि तरंगों को एक storage medium में store किया जाता है.
सरल शब्दों में कहें तो, “sound recording, साउंड का स्टोरेज है जिससे कि एक व्यक्ति वही समान sound एक से ज्यादा बार सुन सकता है.”
ध्वनि (sound) को किसी माध्यम में संग्रहित (store) करने के भिन्न-भिन्न तरीके होते हैं जिनमे से कुछ निम्न हैं-
1). magnetic recording
2). digital recording
magnetic recording
मैग्नेटिक रिकॉर्डिंग में data (ऑडियो सिग्नल) को इलेक्ट्रिकल सिग्नल के रूप में एक magnetized medium में संग्रहित किया जाता है. इसका उपयोग ऑडियो सिग्नल को रिकॉर्ड करने के लिए बहुत किया जाता है.
मैग्नेटिक रिकॉर्डिंग, electromagnetic induction के सिद्धांत पर कार्य करता है. इसके लिए ऑडियो tapes को चुम्बकीय पदार्थ से coat किया जाता है. सिग्नल धारायें (currents) tape में चुम्बकत्व उत्पन्न करती हैं जिससे tape में चुम्बकीय पथ बन जाता है.
ऑडियो रिकॉर्डिंग के लिए ऑडियो सिग्नल को माइक्रोफोन को दिया जाता है जो सिग्नल को इलेक्ट्रिकल pulse में परिवर्तित कर देता है. इस इलेक्ट्रिकल सिग्नल को amplify कर लिया जाता है और फिर amplify की गयी धारा को ऑडियो head coil से गुजारा जाता है.
यह धारा head coil को magnetize कर देती है. और इस प्रकार head की चुम्बकीय शक्ति, माइक्रोफोन से उत्पन्न ऑडियो सिग्नल की intensity के अनुसार परिवर्तित होती रहती है. अब इस magnetized ऑडियो head को ऑडियो tape पर move किया जाता है.
ऑडियो tape एक ferromagnetic material की परत से ढंका रहता है तो इसलिए tape भी magnetize हो जाता है और सिग्नल के हिसाब से head coil घूमता है. इस प्रकार magnetic induction के कारण ध्वनि सिग्नल का magnetic ट्रैक tape पर बन जाता है.
magnetic recording methods (मैग्नेटिक रिकॉर्डिंग की विधियाँ)
1:- longitudinal magnetic
2:- transversal magnetic
3:- perpendicular magnetic
longitudinal magnetic recording – इस तरीके में टेप को recording head के longitudinally (अनुदैर्ध्य) घुमाया जाता है. इस तरीके में north और south पोल्स को टेप के एक ही तरफ रखा जाता है.
transversal magnetic recording – रिकॉर्डिंग के इस तरीके में recording head के पोल्स को टेप के transversal रखा जाता है. इस तरीके में recording head के लिये विशेष संरचना की जरुरत होती है.
perpendicular magnetic recording – इस तरीके में, टेप सामान्य तरीके से recording head के पोल्स की तरफ मूव करता है. इसमें दोनों साइड पर एक – एक पोल होता है.
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Digital recording in hindi
इस तरीके से ध्वनि को record करने में, ध्वनि signal को ऐसी pulses में परिवर्तित किया जाता है जो बाइनरी डिजिट (0, 1) के अनुरूप हो और फिर इसको magnetic टेप या ऑप्टिकल डिस्क में इसको संग्रहित (store) किया जाता है.
इसमें एक analog to digital converter( ADC ) परिपथ लगा रहता है. इस परिपथ में लगे microphone से number (bits) generate होते हैं. हर number को सैंपल कहा जाता है और प्रति सेकंड लिए गये सैंपल की संख्या को सैंपल रेट कहा जाता है.
number को वापस sound में बदलने के लिए digital to analog converter (DAC) का प्रयोग किया जाता है. waveform को bits में परिवर्तित करने के बाद इन्हें record किया जाता है. टेप एक स्थिर गति पर घूमता है और इसमें प्रति सेकंड data record होते रहता है.
इसमें एक समय में data का एक block record किया जाता है. data के हर block के बीच में एक erased portion रहता है जिसे record gap कहते हैं. digital recording में टेप पॉजिटिव या नेगेटिव दिशा में हमेशा सैचुरेटेड रहता है. फ्लक्स की दिशा में परिवर्तन होने पर यह ‘1’ bit प्रदर्शित करता है और कोई परिवर्तन ना होने पर ‘0’ bit प्रदर्शित करता है.
advantages of digital recording in hindi
1). accuracy उच्च होती है.
2). उपकरण की संरचना सरल होती है.
डिजिटल रिकॉर्डिंग की हानियाँ
1). analog सूचना को बाइनरी format में बदलना पड़ता है.
2). ADC और DAC converter की जरुरत पडती है.
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