आज हम इस पोस्ट में Linux architecture in Hindi (लिनक्स आर्किटेक्चर) के बारें में पढेंगे, इसे बहुत ही आसान भाषा में लिखा है आप इसे पूरा पढ़िए. तो चलिए शुरू करते है.
Linux architecture in Hindi – लिनक्स आर्किटेक्चर
Linux एक open source ऑपरेटिंग सिस्टम है यह UNIX की तरह ही समान होता है. Linux को ज्यादातर सर्वर के रूप में प्रयोग किया जाता है परन्तु इसे कंप्यूटर, स्मार्टफ़ोन आदि में भी प्रयोग किया जाता है.
Linux को 1991 में Linus Torvalds ने विकसित किया था. इसका मुख्य लाभ यह है कि इसमें programmers अपने खुद के customize किये हुए ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग कर सकते है.
नीचे linux architecture दिया गया है जिसमें निम्नलिखित भाग होते है:-
- Kernel (कर्नेल)
- shell (शेल)
- Hardware (हार्डवेयर)
- Utilities (यूटिलिटी)
- System Library (सिस्टम लाइब्रेरी)
1:- kernel
kernel जो है वह linux ऑपरेटिंग सिस्टम का मुख्य भाग है यह इसके दिल की तरह है. यह Linux का सबसे महत्वपूर्ण भाग होता है क्योंकि यह linux के सभी महत्वपूर्ण कार्यो को पूरा करता है।
kernel सॉफ्टवेयर तथा हार्डवेयर के मध्य इंटरफ़ेस की तरह कार्य करता है.
kernel यह निर्णय लेता है कि कौन सी process को execute होने के लिए processor को allocate करनी है और कौन सी process को main memory में execute होने के लिए रखना है.
एक सिस्टम में केवल एक ही kernel होता है. kernel का मुख्य उद्देश्य सॉफ्टवेर तथा हार्डवेयर के मध्य कम्युनिकेशन उपलब्ध करना है.
kernel के कुछ मुख्य कार्य निम्नलिखित है:-
1:- फाइल सिस्टम को मैनेज करना.
2:- कंप्यूटर मैमोरी को मैनेज करना.
3:- interrupt को हैंडल करना.
4:– डिवाइसों को मैनेज करना.
5:- प्रोसेस को मैनेज करना.
6:- मैमोरी में चल रहे प्रोग्राम्स को schedule करना.
7:- users के मध्य resources को कैलकुलेट करना.
8:- errors को हैंडल करना.
kernel दो प्रकार के होते है:-
1:– monolithic kernel
2:- micro kernel
2:- shell
Shell एक कमांड लाइन इंटरप्रेटर है यह user और kernel के बीच इंटरफ़ेस प्रदान करता है. Shell का मुख्य कार्य commands को execute करना होता है.
यह यूजर से कमांड को इनपुट के रूप में लेता है और इस कमांड को execute करता है. कमांड को execute करने के बाद यह यूजर को आउटपुट प्रदान करता है.
shell जो है वह command interpreter को read करता है तथा प्रोग्राम को execute करने के लिए request को send करता है. इसलिए shell को command interpreter भी कहते है.
Shell कमांड लाइन इंटरप्रेटर होने के साथ-साथ एक प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है. इसलिए यह windows shell से बहुत अधिक शक्तिशाली है.
इसके उदाहरण निम्नलिखित है:-
MS DOS shell, CSH, KSH, तथा SH.
Linux Shell के दो प्रकार होते हैं:-
- Graphical Shell
यह यूजर को एक ग्राफिकल इंटरफ़ेस प्रदान करता है। इस shell के काम करने की speed धीमी होती है। - Command-line shell
यह यूजर को कमांड लाइन इंटरफ़ेस प्रदान करता है। Graphical Shell की तुलना में इस shell के काम करने की speed तेज होती है।
3:- Hardware (हार्डवेयर)
इसमें वह सभी भाग आ जाते है जिनके द्वारा कंप्यूटर सिस्टम कार्य करता है. अर्थात इसमें सभी peripheral device आ जाती है जैसे:- RAM, ROM, HARD DISK DRIVE, CPU, PRINTER, SCANNER आदि.
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4:- utilities
utility एक प्रोग्राम होता है. यह user को ऑपरेटिंग सिस्टम की अधिक से अधिक कार्यक्षमता (functionality) प्रदान करता है.
5- System Library
System Library विशेष प्रकार के function और program होते है जिनकी मदद से सिस्टम के सॉफ्टवेयर kernel को एक्सेस कर पाते है. सिस्टम लाइब्रेरी का इस्तेमाल linux ऑपरेटिंग सिस्टम की कार्यक्षमता को implement (लागू) करने के लिए किया जाता है जिससे कि ऑपरेटिंग सिस्टम सही ढंग से काम कर पाए.
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