Linux shell in Hindi
- Linux Shell एक कमांड लाइन इंटरप्रेटर है जो कि यूजर और ऑपरेटिंग सिस्टम के मध्य interactive और non-interactive इंटरफ़ेस प्रदान करता है।
- Linux Shell यूजर से कमांड को इनपुट के रूप में लेता है और इस कमांड को execute करता है. कमांड को execute करने के बाद यह यूजर को आउटपुट प्रदान करता है.
- Shell के द्वारा हम अपने commands, program और script को run करते हैं।
यूजर shell की मदद से लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम में निम्न प्रकार से कार्य कर सकते है;
यूजर कमांड लाइन में कमांड को enter करता है, वह shell के द्वारा interpreted होती है तथा उसके बाद इसको kernel को भेज दिया जाता है। इसके बाद kernel हार्डवेयर को एक्सेस करता है और कमांड के result(परिणाम) को shell को वापस भेज देता है। Shell कमांड के इस result को यूज़र को उपलब्ध कराता है।
shell कमांड को तभी kernel को भेजता है जब कमांड valid होती है अन्यथा यह एक error message डिस्प्ले करता है।
Shell एक कमांड इंटरप्रेटर ही नही बल्कि एक प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है। इसलिए यह windows shell से बहुत अधिक शकिशाली होता है.
Linux Shell के दो प्रकार होते हैं:-
- Graphical Shell
यह यूजर को एक ग्राफिकल इंटरफ़ेस प्रदान करता है। इस shell के काम करने की speed धीमी होती है। - Command-line shell
यह यूजर को कमांड लाइन इंटरफ़ेस प्रदान करता है। Graphical Shell की तुलना में इस shell के काम करने की speed तेज होती है।
Linux shell के उदाहरण निम्न है:-
1:-Bounce Again Shell(BASH)
2:-Korn Shell
3:-TCSH(advanced version of C shell)
4:-CSH(C shell).
इसे पढ़ें:- Linux क्या है और इसके फायदे
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