इस पोस्ट में आप lead-acid accumulator cell के बारें में पढेंगे इसे lead-acid battery भी कहते है.
Lead-acid battery in hindi (शीशा अम्ल बैटरी)
संरचना (construction) –
lead-acid battery के मुख्य अंग (parts) निम्नलिखित है:-
1:- धारक (container) – यह कठोर कांच, रबर, एबोनाईट, बिटुमिन योगिकों में से किसी एक प्रदार्थ का बना हुआ एक बर्तन होता है, जिसे आधार पात्र (base pot) भी कहते है. इसमें cell के सभी parts सम्मिलित रहते हैं.
2:- पृथक्कारक (separators) – यह उपचारित लकड़ी, छिद्रयुक्त कठोर रबर की सीट, पोर्सिलेन, फाइबर ग्लास तथा अन्य कठोर विधुतरोधित पदार्थों में से किसी एक पदार्थ से बना हुआ लघु ढांचा (structure) होता है, जो electrodes के बीच स्थित रहता है यह electrodes (धनात्मक तथा ऋणात्मक प्लेटों) की लघुपथित होने से बचाता है. अर्थात् धनोद तथा ऋणोद को एक दूसरे से प्रथक (isolate) रखता है.
3:- विभाजक दीवार (partition wall) – दो cells की बीच की दीवार को विभाजक दीवार कहते है. यह दोनों cells के electrolytes को आपस में मिलने नहीं देती. विभाजक दीवार भी उपचारित लकड़ी, कठोर रबर की सीट, पर्सिलेन, फाइबर ग्लास आदि कठोर विधुतरोधित पदार्थों में से किसी एक पदार्थ से निर्मित होती है.
4:- काठी (ridge) – यह कांच, लकड़ी, रबर आदि कठोर एवं विधुतरोधी पदार्थों में से किसी एक पदार्थ का बना हुआ ढांचा होता है, जो cell के अन्दर आधार में स्थापित रहता है. और इस पर cell के इलेक्ट्रोड सधे रहते है. काठी के बीच में gap को कीच कक्ष (sediment chamber) कहते हैं. cells में काठी का प्रयोग इसलिए किया जाता है ताकि इलेक्ट्रोडों पर ये रासानिक पदार्थ छिटककर कीच-कक्ष में गिरे. कहीं ऐसा ना हो कि यह इलेक्ट्रोडों के संपर्क में आकर आंतरिक लघुपथन प्रदोष उत्पन्न कर दे.
5:- सेल का ढक्कन (cover of cell) – जिस पदार्थ का धारक (container) बना होता है प्राय उसी पदार्थ का सेल का ढक्कन होता है; परन्तु कुछ cells के लिए कठोर रबर अथवा फाइबर ग्लास का बना हुआ ढक्कन ही प्रयोग किया जाता है. cell के उपर कसा हुआ ढक्कन cells को धुप, धूल, जल, वर्षा, नमी आदि अशुद्धियों से बचाता है. प्राय सभी ढक्कनों के उपर कम से कम एक वेंट-प्लग (vent-plug) लगा होता है. जिसके द्वारा सेल के अन्दर बनने वाली गैसें बाहर निकलती रहती है. और आवश्यकतानुसार, समय-समय पर vent-plug को खोलकर सेल में आसुत जल (distilled water) तथा electrolyte डाला जाता है. धारक तथा ढक्कन एक दूसरे से sealed रहते हैं और vent-plug, ढक्कन से sealed रहता है.
6:- विद्युत उपघटय (electrolytes) – तनु गंधक का अम्ल (dilute sulfuric acid) जो है वह electrolyte का कार्य करता है. यह घोल एक भाग अम्ल तथा तीन भाग आसुत जल मिलाकर बनाया जाता है.
7:- धनोद (anode) – लेड डाइऑक्साइड (PbO2) धनात्मक इलेक्ट्रोड का कार्य करता है, जिसका रंग गाढ़ा चॉकलेट बादामी (dark chocolate brown) होता है.
8:- ऋणोद (cathode) – धात्विक शीशा (Pb), ऋणात्मक इलेक्ट्रोड का कार्य करता है. इसका रंग हल्का सलेटी भूरा (light slat gray) होता है.
advantage of lead-acid battery in hindi (शीशा-अम्ल संचायक सेल के लाभ)
इसके लाभ निम्नलिखित है:-
- इसका विधुत वाहक बल (e.m.f) स्थायी होता है.
- अन्य cells की अपेक्षा, इसका विधुत वाहक बल उच्च होता है.
- इसका आंतरिक प्रतिरोध (internal resistance) कम होता है.
- अपेक्षाकृत इससे अधिक धारा (current) प्राप्त होती है.
- विसर्जन (discharge) के पश्चात, इसे पुनः आवेशित (charge) किया जा सकता है.
disadvantage of lead-acid battery in hindi (शीशा-अम्ल संचायक सेल की हानियाँ)
इसकी हानियाँ निम्नलिखित है:-
- इसका अपेक्षाकृत मूल्य (cost) अधिक है.
- इसका रख-रखाव तथा अनुरक्षण की कीमत भी अधिक है.
- इसके उपयोग में अधिक सावधानी बरतनी पड़ती है.
- इसे बारम्बार आवेशित करना आवश्यक होता है.
- इसका जीवन काल केवल 2-3 वर्ष होता है.
- इसकी दक्षता बहुत ही कम होती है.
applications of lead-acid battery in hindi (शीशा-अम्ल संचायक सेल के अनुप्रयोग)
- वाहनों में लैम्पों को जलाने तथा पंखों को जलाने के लिए.
- भारी भरकम सड़क वाहनों के self starting के लिए.
- हलके सड़क वाहनों के self starting के लिए तथा ignition उत्पन्न करने के लिए.
- आकाशवाणी केन्द्रों में जब बिजली चली जाती है तब प्रसारण कार्य इन्ही के द्वारा होता है.
- प्रयोगशाला में प्रयोगात्मक कार्यों के लिए.
- hospitals में emergency के लिए.
- submarines में बिजली के लिए.
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