इस post में आप SSI, MSI, LSI, तथा VLSI के बारें में पढेंगे. यह exam के लिए उपयोगी प्रशन है इसे आप अवश्य पढ़ें.
विभिन्न प्रकार के ICs को उनके gates की संख्या के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है.
SSI, MSI, LSI, VLSI in hindi
डिजिटल ICs परिपथ (circuit) की जटिलता (complexity) के आधार पर वर्गीकृत किये गये है. किसी लॉजिक फंक्शन को सम्पन्न करने के लिए आवश्यक gate की कितनी संख्या की आवश्यकता है. यह ICs का gate equivalency वर्गीकरण कहलाता है.
1:- SSI – SSI का पूरा नाम small scale integration है. इसमें 12 से कम लॉजिक gates की आवश्यकता होती है. इसे 1964 में प्रस्तावित किया गया था. इसमें 1 से लेकर 10 transistors की जरुरत होती है.
2:- MSI – MSI का पूरा नाम medium scale integration है. इसमें 12 या अधिक परन्तु 100 से कम लॉजिक गेट्स की आवश्यकता होती है. इसमें 12 से कम लॉजिक gates की आवश्यकता होती है. इसे 1968 में develop किया गया था. इसमें 10 से लेकर 500 transistors की जरुरत होती है.
3:- LSI – LSI का पूरा नाम large scale integration है इसमें 100 या अधिक परन्तु 1000 से कम लॉजिक gates की आवश्यकता होती है. इसे 1971 में प्रस्तावित किया गया था. इसमें 500 से लेकर 2000 transistors की जरुरत होती है.
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4:- VLSI – इसका पूरा नाम very large scale integration है इसमें 1000 या अधिक लॉजिक gates की आवश्यकता होती है. इसे 1980 में develop किया गया था, इसमें 20,000 से 1 लाख transistors की जरुरत होती है.
इस method में परिपथों को SSI, MSI, LSI तथा VLSI वर्गों में वर्गीकृत किया गया है. वर्गीकरण का आधार परिपथ में प्रयुक्त किये जाने वाले logic gates की संख्या है.
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