हेल्लो दोस्तों! आज हम इस पोस्ट में Logical Design of IoT in Hindi (IoT का लॉजिकल डिजाईन) के बारें में पूरे विस्तार से पढेंगे. आप इसे पूरा पढ़िए, आपको यह आसानी से समझ में आ जायेगा. तो चलिए शुरू करते हैं
Logical Design of IoT in Hindi
IoT का लॉजिकल डिजाईन, IoT में होने वाली entity और process को संक्षेप में प्रस्तुत करता है. इसमें implementation को specify किये बिना entity और process को present किया जाता है.
इसमें निम्नलिखित तीन चीजें आती हैं:-
- IoT Functional Blocks
- IoT Communication Models
- IoT Communication APIs
IoT Functional Blocks in Hindi
एक IoT system में बहुत सारें functional blocks होते है जो कि सिस्टम को indentify, sensing, actuation, communication और management की क्षमता प्रदान करते हैं. इसका चित्र नीचे दिया गया है.
IoT functional blocks निम्नलिखित होते हैं:-
Device (डिवाइस) – इस block में ऐसी device आती है जो एक sensor होता है या उसमें एक sensor जुडा रहता है. ये डिवाइस sensing, actuation, monitor और control के कार्य को पूरा करते हैं.
Communication (कम्युनिकेशन) – यह ब्लॉक IoT system के लिए कम्युनिकेशन को handle करता है.
Services (सेवाएं) – इस block में device को monitor करना, device को control करना, device को discover करना, और data publishing की services (सेवायें) आती है.
Management (मैनेजमेंट) – यह block बहुत सारें functions प्रदान करता है जिनके द्वारा IoT system को manage किया जाता है.
Security (सुरक्षा) – यह ब्लॉक IoT system को सुरक्षा प्रदान करता है. यह authentication, authorization, और integrity के functions प्रदान करता है जिससे system सुरक्षित रहता है.
Application (एप्लीकेशन) – यह एक interface होता है जिसके द्वारा users (यूजर) IoT system के बहुत सारें aspects (पहलुओं) को control और monitor करता है.
IoT Communication Models in Hindi
अगर communication model प्रभावी होता है तो वह users के लिए भी उपयोगी होता है और इससे business में भी growth होती है. IoT में चार मुख्य communication models होते हैं जो कि नीचे दिए गये हैं:-
- Request Response Model
- Publish Subscribe Model
- Push Pull Model
- Exclusive Pair Model
Request Response Model –
Request-Response Model एक कम्युनिकेशन मॉडल होता है जिसमें एक client (क्लाइंट), server को एक request भेजता है और server इस request को respond करता है. इस model को client-server model भी कहते हैं.
इसमें जब भी server किसी request को receive करता है तो वह request के आधार पर data को fetch और retrieve करता है तथा उसके बाद response को client को send कर देता है.
उदाहरण के लिए – जब भी कोई client ब्राउज़र में किसी वेबसाइट को open करने की request करता है तो server उस request के आधार पर उस वेबसाइट को open करता है और client को show करता है.
Publish Subscribe Model –
यह एक प्रकार का कम्युनिकेशन मॉडल होता है जिसमें publisher, broker और consumer सम्मिलित रहते हैं. इसमें publishers डाटा को collect करते हैं और इस data को publish करते हैं. Broker के द्वारा इस data को manage किया जाता है. इस data को consumer के द्वारा subscribe किया जाता है.
जब भी broker को publisher से कोई data मिलता है तो वह इस data को subscribe किये हुए consumer को भेज देता है. इसका चित्र नीचे दिया गया है.
publish subscribe model का प्रयोग MQTT, AMQP, XMPP आदि protocols में किया जाता है.
Push Pull Model –
इस communication model में, data producers के द्वारा data को एक queue में push किया जाता है. उसके बाद data collectors इस data को queue में से collect करते हैं.
दूसरे शब्दों में कहें तो, “push pull model में data producers डाटा को queue में push करते हैं और consumers इस data को queue में से pull करते हैं.”
Queue एक buffer की तरह कार्य करता है जो कि उन परिस्थितियों में help करता है जब consumer और producer के rate में असमानता होती है.
इसका चित्र नीचे दिया गया है:-
Exclusive Pair Model –
Exclusive pair एक bi-directional और fully duplex कम्युनिकेशन मॉडल होता है जो client और server के मध्य एक persistent connection का प्रयोग करता है.
यह एक fully duplex मॉडल होता है जिसका अर्थ है कि इसमें client और server दोनों एक दूसरे को message भेज सकते हैं.
इसका चित्र नीचे दिया गया है.
IoT Communication APIs in Hindi
सामान्यतया IoT communication के लिए दो APIs का प्रयोग किया जाता है. जो कि निम्नलिखित हैं:-
- REST based Communication APIs
- WebSocket based Communication APIs
REST Based Communication APIs –
REST का पूरा नाम Representational State Transfer है. यह architectural principles का एक समूह होता है जिसका प्रयोग web services और web APIs को create करने के लिए किया जाता है.
REST जो है वह request-response कम्युनिकेशन मॉडल को follow करता है. इसके पास निम्नलिखित constraints होते हैं:-
Client-server – client server constraint के पीछे separation of concerns का सिद्धांत होता है. इसके द्वारा model को develop और update करना आसान हो जाता है. इसका अर्थ यह है कि client को server की जिम्मेदारियों की चिंता नहीं होती है जैसे कि – data का storage. और server को client की जिम्मेदारियों की चिंता नहीं होती है जैसे कि – user interface.
Stateless – client के द्वारा server को की जाने वाली प्रत्येक request के द्वारा जरुरी information को अवश्य contain करना चाहिए जिससे कि request को समझा जा सके.
Cache-able – caching जो है वह IoT को और ज्यादा scalable और efficient बना देती है. cache का प्रयोग करके data को दुबारा से use किया जा सकता है.
Layered system – इस constraints के द्वारा system की scalability बेहतर होती है.
Uniform interface – यह client और server के बीच uniform communication को सुनिश्चित करता है.
Code on demand – यह एक optional (वैकल्पिक) constraint होता है. यह सुनिश्चित करता है कि server के द्वारा प्रदान किये गये code या script को execute किया जा सकता है.
WebSocket Based Communication APIs
यह Communication API जो है वह Exclusive Pair Communication Model को follow करता है. इसलिए यह client और server के मध्य bi-directional और full duplex कम्युनिकेशन की अनुमति देता है.
इसमें प्रत्येक message को भेजने के लिए नए connection को setup करने की जरूरत नहीं पड़ती. इसमें सिर्फ एक बार ही handshake mechansim के द्वारा connection को setup करने की जरूरत पड़ती है.
web socket based कम्युनिकेशन, throughput की आवश्यकताओं को बढ़ा देता है और कम्युनिकेशन में होने वाली देरी (latency) को कम करता है. इस API में network traffic भी घटता है.
webSocket उन IoT applications के लिए उपयोगी है जिनकी latency कम होती है या जिन्हें high throughput की आवश्यकता होती है.
इसे पढ़ें:-
- Characteristics of IoT in Hindi
- Physical Design of IoT in Hindi
References:- https://profile.iiita.ac.in/bibhas.ghoshal/IoT_2019/Lecture_Slides/Chapter-1_Introduction.pdf
निवेदन:- मुझे आशा है कि logical design of IoT in Hindi का यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी रहा होगा. इसे अपने friends और classmates के साथ जरुर share कीजिये. जिससे कि उनकी भी help हो पाए.